बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना मेंटेनेंस का कार्य चालू है, इस वजह से बिजली व्यवस्था प्रभावित।

 करगीरोड कोटा  (ब्यूरो चीफ विकास तिवारी)                         दिनांक:-23-09-2018

सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि मौन,,कटौती की समस्या पर एक दूसरे पर लगाते हैं,आरोप-प्रत्यारोप।*

*बिजली कटौती से सहरी-ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता हलाकान परेशान,,विकास यात्रा में मुख्यमंत्री के कोटा प्रवास के बाद से कटौती बढ़ी।*

करगीरोड कोटा:–सरप्लस बिजली होने के छत्तीसगढ़ सरकार के दावों की कलाई खुलती दिखाई पड़ रही हैं,सब दावो की हवा निकल रही है,एक तरफ सरकार जहाँ सरप्लस बिजली होने का दावा करती है, जबकि वहीं पर बिजली कटौती से सहरी-ग्रामीण क्षेत्र की जनता हलाकान परेशान हो गई है बिजली बंद होने का कोई टाईम टेबल फिक्स नही है ,वक्त बेवक्त लाईट बंद होते रहती है,बिजली बंद होने की समस्या आम हो गई है,जिससे आमजनों में सरकार और बिजली विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है।*

*एक तरफ सरकार छत्तीसगढ को पावर हब बताती है, सरप्लस बिजली नो पावर कट कहती है, पर इसके विपरीत पावर कट का कोई वक़्त नही है, बिजली विभाग की मनमानी चरम पर है, ये समस्या कोटा एवं आसपास की ग्रामीण इलाकों की जनता भी भोग रही है,आम जनो का कहना है, कि कोटा में जब से विकास यात्रा का कार्यक्रम हुआ है,प्रदेश के मुख्यमंत्री विकास यात्रा के दौरान कोटा प्रवास पर करोड़ों की सौगात दी उसके बाद से व्यवस्था सुधरने के बजाय और बिगड़ती जा रही है, जिस दिन प्रदेश के मुखिया डा रमन सिंह विकास यात्रा के प्रवास पर कोटा आए थे आए उसी दिन शाम से अघोषित बिजली कटौती बढ गई आगे ऐसा ही सत्ताधारी दल का रवैया रहा तो भाजपा जो की अपने आपको अर्जुन की तरह बता रही ही व भाजपा के कार्यकर्ता भी अपने आप को अर्जुन समझ कर कोटा विधानसभा को मछली की आंख समझ कर निशाना लगा रही है, ऐसे में निशाना एक बार फिर से चुकने की संभावना दिख रही है,ऐतिहासिक सीट कोटा जीतने का सपना कहीं फिर से इतिहास बन कर न रह जाए।*

*अविभाजित मध्यप्रदेश के समय व नए राज्य छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद कोटा विधानसभा क्षेत्र में खासकर बिजली जैसी  समस्या वर्तमान समय जैसी नहीं रहती थी,अविभाजित मध्यप्रदेश के समय मंत्री और विधायक रहे दबंग विधायक स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद शुक्ल कोटा के समय सत्ताधारी और विपक्ष के लोगों को भी एक बार सोचना पड़ता था, 2003 में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी स्वर्गीय शुक्ल जी के विधानसभा क्षेत्र में भी वर्तमान हालात जैसे नहीं थी कोटा उपचुनाव होने के बाद वर्तमान विधायिका डॉ रेणु जोगी के कार्यकाल से लेकर वर्तमान स्थिति तक बिजली, पानी ,सड़क शिक्षा, स्वास्थ्य, सुविधा जैसे बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं में कोई खास सुधार नही आई है, वर्तमान विधायिका द्वारा यह कहना कि सरकार हमारी नहीं है, करके विधानसभा में होने वाले बुनियादी कार्य प्रभावित होते हैं ,सत्ताधारी दल भाजपा का कहना है, कि विधायक हमारा नहीं है,इसी कड़ी में कोटा विधानसभा की शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की आम जनता ठगी से रह गई है, सत्ताधारी दल भाजपा का सांसद ,वर्तमान में कोटा नगर पंचायत अध्यक्ष होने के बावजूद भी बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं के लिए आम जनों को हलाकान और परेशान होना पड़ रहा है।*

*वहीं पर बिजली जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी के कोटा विधानसभा प्रत्याशी हरीश चंदेल ने भाजपा पर सीधा हमला बोला दिल्ली जैसे एक चौथाई राज्य का मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल  दिल्ली जैसे राज्य जहां पर बिजली पैदा नहीं होती, उसके बावजूद वहां पर बिजली इतनी सस्ती दर पर दिल्ली की जनता को दी जा रही है,दिल्ली सरकार छत्तीसगढ़ सरकार से 1170 रुपए में खरीद कर दिल्ली की जनता को बेच लेती है, दिल्ली में 400 यूनिट का बिल 1170 रुपए आता है, वहीं पर छत्तीसगढ़ में 400 यूनिट का 2270 रुपए, वर्तमान में पिछले 15 सालों से भाजपा की सरकार लूट रही है, भाजपा सरकार की बिजली के मीटर दिल्ली की पूर्व की सरकार की तरह तेज भाग रही हैं, आज यहां घंटों बिजली कटौती की जाती है ,शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जबकि दिल्ली सरकार में बैठी आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के जनता को यह सुविधा दे रखी है,कि अगर जितनी देर बिजली की कटौती की जाएगी उतनी उपभोक्ता के बिजली बिल में कटौती करके दी जाएगी वर्तमान में भाजपा सरकार की नियत साफ नहीं है,जबकि ऊर्जा विभाग स्वयं प्रदेश के मुखिया के पास है।*

*बिजली कटौती को लेकर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रियाए भी सामने आती रहती है,कांग्रेस नेता व व्यपारी आनंद अग्रवाल का कहना था, कि यहां बिजली बंद होने का कोई टाईम टेबल फिक्स नही है,बिजली विभाग के अधिकारी ठेकेदार को ठेका देकर रखे है,आए दिन बिजली कटौती की समस्या बनी रहती है,विभाग द्वारा सही जवाब नही दिया जाता है,जनप्रतिनिधि भी मौन है, किसी को कोई मतलब नही रह गया है।*

*वहीं कांग्रेस पार्टी के नव नियुक्त कोषाध्यक्ष प्रकाश जयसवाल का कहना था, कि कोटा विधानसभा व कोटा नगर राजनैतिक षड्यंत्र का शिकार हुआ है,भाजपा शासन का कोटा के प्रति शुरू से ही सौतेला व्यवहार रहा है, कोटा का फिडर जो शहरी क्षेत्र में था, उसे ग्रामीण  में जोड दिया गया,जो कि छत्तीसगढ के भारतीय जनता पार्टी के सरकार की कोटा के प्रति उपेक्षा और सौतेलापन को दर्शाता है।

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