गौरतलब हो पिछले महीने हाईकोर्ट ने नितीश सरकार को झटका देते हुए सरकार के द्वारा गठीत वार्ड संघ को रद्ध करने का आदेश दिया था और अधिकार मुखियाओं को देने का फैहला सुनाया था। फैसले से बौखलाए राज्य सरकार ने पंचायतीराज के कानुन को हीं बदल डाला। जिससे अब बिहार मे मुखिया आंदोलन गरमाने लगा है। गौरतलब हो की पिछले दो सालो से पंचायतो में विकास कार्य पहले से हीं इस महाभारत के चक्कर में ठप पडे हुए हैं। मुखिया संघ नें आरोप लगाया है की मुख्यमंत्री योजनाबद्ध तरिके से ग्राम स्वराज के सपने को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। नितीश कैबिनेट के फैसले के साथ हीं पुरे राज्य में मुखिया आक्रोश में हैं।
आज पुरे राज्य में मुखिया संघ ने विरोध चक्का जाम किया है। मुख्य तौर पर मुंगेर, छपरा, भागलपुर, पटना आदी जिलों में।
कहलगांव चौक पर अनुमंडल के सभी मुखिया गन ने एनएच जाम किया और धरना दिया। मौके पर झुंपा सिंह, सुभाष चंद्र भगत, नशरीन परवीन आदी मुखियाओं ने सभा को संबोधित किया।
सन्हौला मुखिया संघ अध्यक्ष, सुभाष भगत ने कहा नितीश सरकार जानबूझकर विकास कार्यो को रोक रही है। यह आंदोलन अब जन आंदोलन का रूप लेगा। “मुख्यमंत्री जी हमसे है, हम मुख्यमंत्री जी से नहीं !”
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