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श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु
श्रीमद् भागवत कथा में सुनाया भगवान वामन अवतार प्रसंग,लखर्रीपारा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का आज पांचवा दिन
मुंगेली/जिले के खर्रीपारा स्थित काली मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान गुरुवार को वामन अवतार का प्रसंग सुनाया गया। कथावाचक पंडित मुकेश दीक्षित ने कहा कि भगवान वामन अवतार लेकर जैसे ही राजा बली के पास पहुंचे वे प्रसन्न हो गए। जब दान की बारी आई तो राजा बली ने भगवान के वामन अवतार से दान मांगने के लिए कहा। इस पर राजा बली से तीन पग जमीन मांगी गई। तब राजा मुस्कुराए और बोले तीन पग जमीन तो बहुत छोटा सा दान है। इसके बाद भगवान ने दो पग में राजा बली के पूरे राज्य को नाप दिया, लेकिन तीसरे पग के लिए राजा बली के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था। तब राजा बली ने महादानी होने का परिचय देते हुए तीसरे पग के सामने अपने आपको समर्पित कर दिया। इस कथा के अंत में यह सीख दी गई कि कभी भी किसी को घमंड नहीं करना चाहिए। ऐसे में भगवान किसी न किसी रूप में परीक्षा जरूर लेते हैं। इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास पंडित मुकेश दीक्षित ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। उन्होंने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। कथा के पश्चात महाआरती की कार्यक्रम भी रखा गया । जिसमें मोहल्ले सहित आसपास के लोग महाआरती में शामिल होकर भगवान से आशीर्वाद लिया। इस दौरान काली मंदिर एवं श्रद्धा सुमन लक्ष्मी उत्सव समिति, वरिष्ठ नागरिक , जनप्रतिनिधि सहित बड़ी सँख्या में मोहल्लेवासी भी मौजूद थे।