विकास वैभव बिहार में बने सबसे पॉपुलर IPS अधिकारी


पटना. पटना सीबीआइ तीन की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में भागलपुर के तत्कालीन इनकम टैक्स ऑफिसर तारिणी प्रसाद को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए तीन साल के सश्रम कारावास व 14 लाख अर्थदंड की सजा दी है.

उक्त मामला सीबीआइ ने 29 दिसंबर, 1987 को दर्ज किया था और अनुसंधान के पश्चात 28 फरवरी, 1990 में आरोप पत्र दाखिल किया था. अनुसंधान के क्रम में सीबीआइ ने पाया कि आरोपित द्वारा 1977 से लेकर 1987 के बीच अकूत रूप से चल व अचल संपत्ति अवैध तरीके से अर्जित की गयी.

आरोपित वर्ष 1996 में आयकर विभाग में अपर डिविजनल क्लर्क के रूप में पदस्थापित था और वर्ष 1997 में आयकर अधिकारी बना. तलाशी के क्रम में आरोपित के पास से सीबीआइ ने एसके पुरी पटना में मकान, लाखों के जेवरात आदि बरामद किये. इसके साथ ही एनएससी, जमा कैश व लॉकर में पड़े लगभग तीन लाख रुपये समेत कुल चल व अचल संपत्ति के रूप में 17 लाख से अधिक की संपत्ति मिली थी. सीबीआइ ने 19 लाख 93 हजार 773 रुपये आय की संपत्ति पाते हुए विशेष अदालत में मामले को चलाया. उक्त मामले में लगभग 27 साल की सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने आरोपित को दोषी पाते हुए सजा दी.

Website Design By Mytesta +91 8809666000

Check Also

छात्र जदयू ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति का फूका पुतला

🔊 Listen to this गया। छात्र जदयू के द्वारा मगध विश्वविद्यालय के कुलपति का पुतला …