उप स्वाथ्य केंद्र तेंदुआ के मरीजों को डॉक्टर नही होने से हो रही है परेशानी

*उप-स्वास्थ्य केंद्र तेंदुवा में नहीं आते डॉक्टर मौसमी बीमारी की चपेट में क्षेत्रवासी।*

*पिछले-4 वर्षों से बंद पड़ा है तेंदुआ का उप-स्वास्थ्य केंद्र, प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों चीर निद्रा में।*

*दिनांक:-15-09-2018*

*करगीरोड कोटा:-शासन द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए देने के लिए शासन के द्वारा 10 गांव का समूह बनाकर उप स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है, जिससे लोगों को बेहतर इलाज स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध हो सके लेकिन तेंदुआ में खुले उप स्वास्थ्य केंद्र पिछले 4 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है, ना तो यहां डॉक्टर आते हैं, ना ही कभी यहां एनएमएम आते हैं,जिसके चलते पूरे क्षेत्र वासियों को काफी मुश्किलो व परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, एक और शासन जहाँ लोगो को जागरूक करने जहां “माएका हो या ससुराल में जजकी कराओ अस्पताल का नारा”स्लोगन देकर ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने की बात कर रही है, तो दूसरी ओर तेंदुआ का उप-स्वास्थ्य केंद्र की तश्वीर कुछ अलग ही बखान कर रहा है ,शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च कर यहां उप स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिया गया है ,लेकिन आज 4 वर्ष बीतने के बाद भी यहां पर डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं, उप स्वास्थ्य केंद्र की हालत अब ऐसी हो गई है, कि उसमें सिर्फ मवेशी ही रह सकते हैं, सामने परिसर में कूड़े-करकट का ढेर लगा हुआ है।*

*इस समस्या से अनजान जनप्रतिनिधि सहित शासन के अधिकारी कर्मचारी भी इससे कोसों दूर दिखाई देते हैं,दोनो के द्वारा ना तो ध्यानाकर्षण किया जा रहा है ,और ना ही यहां डॉक्टर की मांग की जा रही है, क्षेत्र के दर्जनों महिला प्रसव के लिए कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने को विवश है,अगर यहां डॉक्टर की सुविधा या एनएम की सुविधा होती तो प्रश्नों से ग्रसित महिलाओं को कोटा स्वास्थ्य केंद्र जाना ही नहीं पड़ता मौसमी बीमारी के चपेट अभी बरसात में गांव-गांव में मलेरिया उल्टी दस्त के मरीज मिल रहे हैं,मौसमी बीमारी चारों ओर जकड़ी हुई है, मच्छर का प्रयोग काफी बढ़ गया है ,एक-एक घरों से 2233 मरीज बुखार से पीड़ित मिल रहे हैं, स्वास्थ सुविधा नहीं होने से मजबूरी में अपना इलाज झोलाछाप डॉक्टरों से करा रहे हैं,जो कभी भी इनके लिए जान का खतरा बन सकता है, स्थानियलोगों का यह भी कहना है, कि जब सरकार स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकती तो लाखों रुपए की बिल्डिंग क्यों बना देती है।*

*इस बारे में नए बीएमओ डॉक्टर मनोज सैमुअल कहते हैं, की अभी एक मेल और एक फीमेल वर्कर की पोस्टिंग की गई है, बिल्डिंग रेनोवेशन के लिए शासन को मांग भेज दी गई है,मैंने कुछ दिन पहले ही प्रभार लिया है, इससे पूर्व की जानकारी मुझे नहीं है,आगे इसके अलावा भी सुधार की प्रक्रिया जारी रहेगी।*

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