सार्वजनिक स्थलों पर की गई ध्वनि प्रदूषण की जांच* निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर कार्यवाही के दिए गए निर्देश

ब्यूरो रिपोर्ट

सार्वजनिक स्थलों पर की गई ध्वनि प्रदूषण की जांच*

निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर कार्यवाही के दिए गए निर्देश

 मुंगेली // कलेक्टर  राहुल देव के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र से जांच की गई। अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले की उपस्थिति में आज जिला कलेक्टोरेट, जिला एवं सत्र न्यायालय के सामने तथा जिला चिकित्सालय परिसर में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के वैज्ञानिक द्वारा परिवेशी ध्वनि स्तर का मापन किया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर ने निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

             अपर कलेक्टर ने बताया कि ध्वनि की सीमा औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डेसिबल और रात्रि के समय 70 डेसिबल, वाणिज्यिक क्षेत्र में दिन के समय 65 और रात्रि में 55 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र में दिन के समय 55 डेसिबल, रात्रि में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी तरह शांत परिक्षेत्र जिसमें अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थान आते हैं ऐसे क्षेत्रों में ध्वनि की सीमा दिन के समय 50 डेसिबल और रात्रि में 40 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर द्वारा मुंगेली जिला पुलिस को 24 ध्वनि मापक यंत्र प्रदाय किया गया है। साथ ही संबंधित विभाग द्वारा ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है।

 

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