करगीरोड कोटा (ब्यूरो चीफ विकास तिवारी)
*दिनाँक:-01-11-2018*
*करगीरोड कोटा:-आखिरकार छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीट कोटा विधानसभा में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने-2013 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके कांशी राम साहू को फिर से एक बार मैदान में उतारा है,जो कि कांग्रेस की विधायिका डॉ रेणु जोगी से बहुत कम अंतर से हार गए थे, वहीं पर कांग्रेस ने अपने तीन बार की विधायिका डॉक्टर रेणु जोगी का टिकट काटकर एक नए नाम, एक नए चेहरे, पर मुहर लगाया, विभोर सिंह जो कि समय से पहले पुलिस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आए हैं, कोटा विधानसभा से प्रमुख दावेदारों में शैलेश पांडे का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था, टीवी चैनलों में उनके नाम की घोषणा भी हो चुकी थी, पर कोटा विधानसभा के अन्य स्थानीय दावेदार के विरोध के चलते उन्हें अन्यत्र बिलासपुर प्रत्याशी बनाया गया,,जैसा कि कयास लगाया जा रहा था,जोगी कांग्रेस से कौन उम्मीदवार होगा है-? खबरें आई की जोगी कांग्रेस से डॉक्टर रेणु जोगी के नाम से जनता कांग्रेस के विशंभर गुलहरे ने बिलासपुर में नामांकन फॉर्म लिया है,जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ रेणु जोगी ने जानकारी नहीं होने का हवाला दिया था,,जैसा कि थोड़ी देर पहले ही कोटा विधानसभा से कांग्रेस की तीन बार की विधायिका डॉक्टर रेणु जोगी की टिकट कटने के बाद विभोर सिंह को दिया गया उसके बाद जैसे कि राजनीतिक भूचाल आ गया जिस शैलेश पांडे का नाम लगातार कोटा विधानसभा में चल रहा था,,और लगभग उनकी टिकट फाइनल भी हो गई थी,,उसके बाद राजनीतिक घटनाक्रम बदलने के बाद अटल श्रीवास्तव की जगह बिलासपुर से शैलेश पांडे को टिकट दिया गया, जैसा कि कांग्रेस के द्वारा सूची जारी की गई कोटा से कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा होते हैं,,जनता कांग्रेस की सुप्रीमो अजीत जोगी ने ऐलान कर दिया डॉक्टर रेणु जोगी जकाछ के टिकट पर कोटा विधानसभा का चुनाव लड़ेगी जिसके लिए डॉ रेणु जोगी ने जकाछ की सदस्यता भी विधिवत ले ली गई है,, इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए -2003 के विधानसभा चुनाव की याद उभर कर सामने आ गई जब स्वर्गीय राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला जोगी शासनकाल में विधानसभा अध्यक्ष थे,,और उन्हें टिकट के लिए दिल्ली तक दौड़ लगानी पड़ी थी, जब शुक्ला जी को एक समय ऐसा लगने लगा कि उनकी टिकट कट सकती है,, तो उन्होंने अपने समर्थकों के बीच बैठक की थी और पूरे घटनाक्रम पर चर्चा करते हुए समर्थकों से समर्थन मांगा था, कांग्रेस पार्टी टिकट नहीं देती है,, समर्थक उनका साथ देंगे कि नहीं उस समय पंडित राजेंद्र शुक्ल की टिकट नहीं कटी थी, पर इतिहास अपने आप को फिर से दोहराता है इतिहास फिर से दोहराया गया श्रीमती डॉक्टर रेणु जोगी के जन्मदिन के 1 दिन पहले समर्थकों की बैठक बुलाई गई कहीं ना कहीं डॉ रेणु जोगी को यह पहले से अंदेशा हो गया था, की उनकी टिकट कट सकती हैं जन्मदिन के बहाने समर्थकों से इस बारे में टोह भी लिया गया,,,अभी भी दिल्ली से सूत्रों के हवाले से खबर छन-छन के आ रही हैं,कि अभी भी कोटा से शैलेश पांडे और बिलासपुर से अटल श्रीवास्तव के नाम पर भूपेश बघेल अड़े हुए हैं।
*फिलहाल कोटा विधानसभा जो कि आजादी के बाद से लेकर अब तक का कांग्रेस का गढ़ रहा है, इस बार कोटा विधानसभा में बदली हुई राजनीतिक घटनाक्रम के बाद ऐसा प्रतीत होने लगा कि क्या इस बार कांग्रेस का किला कमजोर हो रहा है-?? ? क्या इस बार कांग्रेस का किला ध्वस्त हो जाएगा -??? कोटा विधानसभा के उम्मीदवार की टिकट में हो रही देरी से भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी काफी टूटा हुआ है,भारतीय जनता पार्टी भले ही लाख दावा करे के की भाजपा में उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ता भाजपा का कमल निशान चुनाव लड़ता है, टिकट से पहले भाजपा में भी कोहराम मचा हुआ था, जिसकी शुरुआत गौरेला-पेंड्रा के भाजपा नेता पूरन छाबड़िया ने विरोध किया था, विरोध के स्वर और ना उभरे उससे पहले ही पूरन छाबड़िया को गिरफ्तार कर लिया गया बताया गया कि उनके खिलाफ पांच-छह वारंट पेंडिंग है-?आश्चर्य वाली बात है, कि चुनाव के पहले पूरन छाबड़िया को गिरफ्तार नहीं किया गया पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के पश्चात आचार संहिता की वजह से कानून-व्यवस्था का हवाला दिया गया कोटा विधानसभा से भाजपा से वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष मुरारी गुप्ता भी दौड़ में सबसे आगे थे उसके बाद वेंकट लाल अग्रवाल, ब्रिज लाल राठौर, प्रबल प्रताप जूदेव, विश्व हिंदू परिषद के जीवन मिश्रा सहित आधा दर्जन लोग दौड़ में शामिल थे,पर अंततः काशीराम साहू पर भाजपा ने विश्वास जताया।*
*कोटा विधानसभा में मचे हुए राजनीतिक दलों के उम्मीदवार के घमासान के बीच कोटा विधानसभा की जनता भी पेशोपेश में है,,इस बार कोटा विधानसभा के लगभग 2 लाख मतदाताओं पर अपना विधायक चुनने का भी दबाव रहेगा कि किसको चुने-??पुरुष के मुकाबले महिलाओं की संख्या भी इस विधानसभा में काफी तादात में है, देखने वाली बात यह रहेगी कि इस बार महिला वोट बैंक किस ओर करवट लेता है, राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवार के साथ इस बार कोटा विधानसभा में आम आदमी पार्टी और जोगी कांग्रेस के अलावा गोंगपा सहित अन्य निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ेंगे ,इस बार मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है और जीत-हार भी बहुत कम अंतर से होने की संभावना है,जहां पर अभी वर्तमान में कांग्रेस भाजपा के उम्मीदवार घोषित किए गए हैं ,वही अगस्त महीने में ही कोटा विधानसभा के आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरीश चंदेल घोषित किए गए थे,जिनके बाद उनका प्रचार-प्रसार शुरू हो गया था ,आचार संहिता लगने से पहले ही आम आदमी पार्टी के हरीश चंदेल ने लगभग पूरे कोटा विधानसभा के सभी बूथों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं घर-घर जाकर जनसंपर्क कर चुके हैं, प्रचार-प्रसार में आम आदमी पार्टी के हरीश चंदेल दोनों राष्ट्रीय दलों से लगभग आगे निकल गए हैं ,देखने वाली बात यह होगी कि राष्ट्रीय दलों के उम्मीदवारों के बीच आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कितना सफल होते हैं,क्या इस बार भी दिल्ली जैसा करिश्मा छत्तीसगढ़ के कोटा विधानसभा सहित बाकी विधानसभा क्षेत्रों में असर दिखाई पड़ेगा-?? क्या अंदर ही अंदर दिल्ली जैसा सुरंग बनने की उम्मीद है-?? जहां तक सूत्रों के हवाले से खबर है ,कि आम आदमी पार्टी के कोटा विधानसभा उम्मीदवार हरीश चंदेल बेहतर स्थिति में है,एलआईबी की रिपोर्ट में भी भाजपा-कांग्रेस दलों के मुकाबले में आम आदमी पार्टी जोगी कांग्रेस के मुकाबले कड़ी टक्कर दे सकती है कहीं राष्ट्रीय दलों और उनके नेताओं की लड़ाई में पूरे कोटा विधानसभा में झाड़ू ना चल जाए, शुरुआत में आम आदमी पार्टी को हल्का आंका जा रहा था, जोगी कांग्रेस के मुकाबले फिलहाल कोटा विधानसभा की जनता भी इस पूरे मामले में खामोश है-?? वह सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को देख रही है, और सुन भी रही है,आज काफी संख्या में राजनीतिक दलों के लोगों ने नामांकन जमा किया है,,2 तारीख को भी नामांकन जमा किए जाएंगे ,शुक्रवार का दिन काफी महत्वपूर्ण रहेगा,कल जमा होने वाले नामांकन पर राजनीतिक पंडितों के साथ पत्रकारों की भी नजर रहेगी ,,सियासी दलों को लेकर खासकर कांग्रेस उम्मीदवार के साथ जोगी-कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर क्योंकि, कांग्रेस की परंपरा रही है, की नाम की घोषणा किसी और की होती है,और बी-फॉर्म किसी और का आ जाता है,,शिक्षाविद् से कांग्रेस नेता बने शैलेश पांडे का राजनीतिक भविष्य भी शुक्रवार को तय हो जाएगा-शैलेश पांडे के खाते में कोटा विधानसभा आता है, या फिर बिलासपुर विधानसभा।*⋅