राजेश सोनी@ब्यूरो रिपोर्ट….
तखतपुर में मनाया गया सुहागिनों का त्यौहार -करवा चौथ व्रत
तखतपुर(बिलासपुर)…शहर में सुहागिनों का त्यौहार करवा चौथ
व्रत मनाया गया।करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओ के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है,इस व्रत का इंतजार महिलाओ को साल भर रहता है।इस साल करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर को मनाया गया।कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ के रूप में मनाये जाने की परम्परा है।महिलाये इस दिन निर्जला व्रत रख कर,पति की दीर्घायु की कामना करती है।
ये दिन सुहागिन स्त्रियों को लिए काफी अहम होता है। देश के अलग-अलग शहरों में चांद दिख गया है।महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए ये व्रत रखती हैं। महिलाओं द्वारा करवा चौथ का चांद रात 8:30 में देख लिया गया है।बिलासपुर जिले के तखतपुर शहर में महिलाओं के द्वारा चांद को अर्ध्य देने के बाद अपने व्रत को तोड़ लिया गया।
इस त्योहार पर मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है करवा चौथ की कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है, उनके घर में सुख, शांति, समृद्धि और संतान सुख मिलता है।इसबार का करवा चौथ का व्रत विशेष माना गया है।
इसबार का करवा चौथ का व्रत बेहद खास है क्योंकि 70 साल बाद करवा चौथ पर शुभ संयोग बना है। तखतपुर ज्योतिष विश्राम सोनी जी के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र और चंद्रमा में रोहिणी का योग होने से मार्कण्डेय ओर सत्याभामा योग भी बना है। पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत सर्वोत्तम और विशेष फलदायक है।