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किसान के बेटे भूपेश बघेल की मुख्यमंत्री तक कि कैसी रही सियासी सफर

     छ ग ब्युरो चीफ पी बेनेट

भूपेश बघेल का सियासी सफर काफी रोमांचक और उठापटक वाला रहा है, कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल अपने आक्रामक तेवर के लिए पहचाना जाते हैं ,80 के दशक में उन्होंने यूथ कांग्रेस के साथ अपनी पारी शुरू की 1993 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भूपेश कांग्रेश से दूर की पाटन सीट से उम्मीदवार बने और जीत दर्ज की मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार में भूपेश कैबिनेट मंत्री बने झीरम घाटी में अपनी बड़े नेताओं की मौत के बाद बघेल ने कांग्रेस को नेतृत्व संकट से निकाला पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का साहस किया 2003 में रमन सिंह सरकार के सामने भूपेश विपक्ष में उप नेता बने
2000;_जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बन गया और पाटन छत्तीसगढ़ का हिस्सा बना तो भूपेश छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे वहां भी कैबिनेट मंत्री बने 2003 में कांग्रेश जब सत्ता से बाहर हो गई तो भूपेश को विपक्ष का नेता बनाया गया
2004;_मैं जब लोकसभा के चुनाव होने थे तो वह पेश को दुर्गम से उम्मीदवार बनाया गया लेकिन बीजेपी के ताराचंद साहू ने उन्हें करीब 65000 वोटों से मात दे दी 2009 में कांग्रेस ने उनकी सीट बदली और राजधानी रायपुर से चुनाव लड़ गया इस बार उनके सामने रमेश बेस्ट है रमेश वैष्णव ने मार दे दी अक्टूबर 2014 में उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और तब से वे इस पद पर है
कैसा रहा सियासी सफर
80 के दसक में जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था भूपेश ने राजनीति की पारी यूथ कांग्रेस के साथ शुरू की थी दुर्ग जिले के रहने वाले भूपेश दुर्गा के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने
1994-95मैं भूपेश बघेल को मध्य प्रदेश यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया 1993 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो रूपेश कांग्रेसी दुर्ग के पाटन सीट से उम्मीदवार बने और जीत दर्ज की उन्हें बीएससी के केजू राम वर्मा को करीब 3000 वोट से मात दी थी अगला चुनाव भी वह पाटन से ही जीते इस बार बीजेपी की निरुपमा चंद्राकर को3700 सौ वोट से मात दी थी,जब मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी तो भूपेश कैबिनेट मंत्री बने
छत्तीसगढ़ में काँग्रेस को दोबारा खड़ा किया भूपेश बघेल ने,,
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष है कद्दावर नेता माने जाते हैं संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते भूपेश बघेल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए फाइनल हुआ रमन सिंह सरकार के खिलाफ हमेशा बिगुल फूंक दे रहे इसके चलते कई बार मुकदमों में भी फंसे मगर डीके नहीं भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ कॉमियो में इनका अच्छा जनाधार माना जाता है मुख्यमंत्री चयन में कुर्मी जनाधार भी इनके ले प्लस प्वाइंट रहा 1985 से कांग्रेस से जुड़कर राजनीति कर रहे हैं पहली बार 1993 विधायक बने थे मध्य प्रदेश की दिग्विजय सी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं वर्ष 2004 में अजीत जोगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे बघेल की दावेदारी इसलिए भी मजबूत बताई जा रही है क्योंकि उन्होंने इस बार विधानसभा चुनाव में संगठन में गुटबाजी को काफी कम करने में अहम भूमिका निभाई राज्य का एक धड़ा उन्हें सीएम के रूप में देखना चाहता है हालांकि पिछले साल बीजेपी सरकार के एक मंत्री राजेश मूणत की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी इस मामले में कथित कनेक्शन होने के आरोप में बीजेपी की सरकार ने उनकी गिरफ्तारी हुई थी जिसका काफी विरोध हुआ था

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