छ ग ब्युरो चीफ पी बेनेट,,7389105897,,
तख़तपुर नगरी निकाय चुनाव इस बार रोमांचक होते ,नजर आ रहे है,, चूंकि अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों के द्वारा चुना जाना है,, जिसके कारण से पार्षद प्रत्याशी जीत हासिल करने एड़ी चोटी लगा दी है,, कोई भी रिस्क नही लेना चाहते है,, ऐसे भी प्रत्याशी है ,जो चापलूसी के चक्कर मे झड़ते नजर आ रहे है,, दौड़ में सभी दौड़ते है पर जीत एक को ही मिलता है,, पर जीतता कौन है,, तख़तपुर नगर में 15 वार्ड है ,जहाँ, कांग्रेस व बीजेपी पार्टी अपना अपना गोटी फिट किये हुवे है, इतना ही नही,आप पार्टी, निर्दलीय से भी मैदान में कूद चुके है,,
हॉटेल, पान ठेला, चौक चौराहे पर सुबह से भिड़ लगा रहता है चाय की चुस्की ,, पान दबाते,व पाउच खाते,, अपनी अपनी गुणा गणित करते नजर आ रहे है,,
चुनाव के समय बड़े-बड़े वादा का भूल जाना नेताओं के लिए आम बात होता है, हर चुनाव में मतदाता ही ठगे जाते हैं 21 दिसंबर को नगरी निकाय चुनाव होना है, और इस चुनाव में भी नेताओं का यही सिलसिला देखने को मिल रहा है ,जो कभी किसी से सीधे मुंह बात तक नहीं करते थे वह आज हाथ जोड़कर दरवाजे के सामने खड़े हो रहे हैं नगर पालिका चुनाव स्थानीय चुनाव है इसलिए किसी के बातों में ना आकर पार्टी छाप देकर नहीं योग्य प्रत्याशी देख कर ही अपना मताधिकार का उपयोग करें, चुनाव के समय इन नेताओं के द्वारा प्रलोभन देकर मतदाताओ को अपने पक्ष में कर लेते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वार्ड का विकास तो क्या यह वार्ड की ओर झांक कर देखना मुश्किल रहेगा,, इसका उदाहरण नगर पालिका क्षेत्र के कई वार्डो में देखने को मिल रहा है , क्योंकि मतदाताओ ने चेहरा पार्टी छाप देखकर वोट किए थे, योग्यता देखकर नहीं इसलिए इस बार के नगरी निकाय चुनाव में मतदाताओं को उनके छलावा में ना आकर योग्य प्रत्याशी को वोट करने की जरूरत है ,ताकि वार्ड का विकास हो सके, वार्ड वासियों पार्षद के आसानी से मिल सके अपनी बात रख सके, ना कि अपने ही पार्षद से मिलने के लिए डर लगे मतदाताओं को वोट देने से पहले इन सब बातों पर गौर कर वोट देना होगा तभी अपने वार्ड का सही विकास होगा, नहीं तो 5 साल तक फिर सोचना पड़ेगा क्या किया हमने,,,स्वयं विचार करे,,,विकास तो क्या यह वार्ड की ओर झांक कर देखना मुश्किल रहेगा,, इसका उदाहरण नगर पालिका क्षेत्र के कई वार्डो में देखने को मिल रहा है , क्योंकि मतदाताओ ने चेहरा पार्टी छाप देखकर वोट किए थे, योग्यता देखकर नहीं इसलिए इस बार के नगरी निकाय चुनाव में मतदाताओं को उनके छलावा में ना आकर योग्य प्रत्याशी को वोट करने की जरूरत है ,ताकि वार्ड का विकास हो सके, वार्ड वासियों पार्षद के आसानी से मिल सके अपनी बात रख सके, ना कि अपने ही पार्षद से मिलने के लिए डर लगे मतदाताओं को वोट देने से पहले इन सब बातों पर गौर कर वोट देना होगा तभी अपने वार्ड का सही विकास होगा, नहीं तो 5 साल तक फिर सोचना पड़ेगा क्या किया हमने,,,स्वयं विचार करे,,,