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परमेश्वरी सरोवर के रखरखाव में निकाय हुआ फेल* करोड़ो की गार्डन हुई उपेक्षा की शिकार*

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट(7389105897)

परमेश्वरी सरोवर के रखरखाव में निकाय हुआ फेल*
करोड़ो की गार्डन हुई उपेक्षा की शिकार*

कुछ माह पहले 25 लाख खर्च कर लगाई की ट्यूबलर पोल की 20 प्रतिशत लाइट हो चुकी है बंद*

नेता प्रतिपक्ष ने गार्डन के संरक्षण एवं संवर्धन का हेतु पर्यावरणीय टीम हरियर तखतपुर जैसी संस्था को सौंपने की मांग की
तख़तपुर:-तखतपुर भाजपा पार्षद दल के द्वारा पूर्व प्रेषित ज्ञापन दिनांक 31.8.2020 परमेश्वरी सरोवर के उचित प्रबंधन के संबंध में दिए गए ज्ञापन पर कोई कार्यवाही न होने पर कड़ा एतराज जताते हुए भाजपा पार्षद दल ने नेता प्रतिपक्ष श्री ईश्वर देवांगन के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपकर परमेश्वरी सरोवर गार्डन के प्रति नगर सरकार के रवैया की आलोचना की है। भाजपा पार्षद दल द्वारा सौपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि करोड़ो खर्च कर बनाये गए परमेश्वरी सरोवर गार्डन के समुचित रखरखाव एवं उचित व्यवस्था के संबंध में पूर्व में लिखित सूचना दिया गया था किंतु निकाय की भर्राशाही एवं मनमानी नगर के एकमात्र धरोहर को चट करने पर उतारू प्रतीत हो रही है। गार्डन में 08 माह से बंद मोटर पंप के कारण सरोवर में लगे आधे से अधिक पौधे सुख चुके हैं गार्डन में माली नियुक्त नही करने तथा नगर पालिका में माली के नाम पर भर्ती कर्मी को अन्य कार्य में संलग्न किये जाने से गार्डन का स्वरूप नष्ट होने की कगार पर है निकाय द्वारा गार्डन के नियमित रखरखाव से बचने के लिए गलत ढंग से की गई छटाई और कटाई पीले डेकोरेटिव प्लान्ट कुरूप हो गया है। गार्डन के संपूर्ण रखरखाव बाबत कार्यालय द्वारा प्लेसमेंट के माध्यम से 3 कर्मचारियों की नियुक्ति किया गया है किंतु नाममात्र के लिए एक कर्मचारी को पोशाक तो दूर टार्च, डंडा एवं सिटी के बिना ही चौकीदार के रूप में पदस्थ कर दिया गया है, सरोवर में स्थित प्रसाधन गृह जहां जीर्ण शीर्ण अवस्था में नगर विकास के तमाम दावे को चिढ़ा रहा है वही कभी सफाई नही करने के फार्मूले के कारण व्याप्त गंदगी के कारण बीमारी का घर बन गया। गार्डन में स्थापना काल के बाद एक भी पौधे नहीं लगे हैं तथा जो पौधे लगे हुए हैं व आमजन अथवा स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा लगाए गए पौधे मृत अवस्था में पहुच गए हैं जिसके कारण पर्यटन केंद्र की परिभाषा ही बदल गई है। अनावश्यक खरपतवार, पेड़ पौधों का अपशिष्ट एवं बिखरे कूड़े ही अब बाग की शोभा कहलाने लगे है पुराने एवं खराब हो चुके झूले एवं फिसल पट्टी एवं कचड़ों से भरा डस्टबिन अपनी मुस्लिसी पर आंसू बहा रहा है। उपरोक्त तमाम स्थिति पर गौर करने के बाद कहा जा सकता है कि कि नगरपालिका सरोवर के संरक्षण एवं संवर्धन में फिसड्डी साबित हुआ है अतएव गार्डन के उचित संवर्धन एवं संरक्षण का दायित्व स्वयंसेवी संस्थाएं पर्यावरण प्रेमियों की टीम हरिहर तखतपुर जैसी संस्था को सौंपकर ही उक्त बहुमूल्य धरोहर को बचाया जा सकता है।

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