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सच उजागर करने वाले पत्रकारों के लिए अब फील्ड करना और सच छापना दूभर हो गया है।,, पत्रकारों को फंसाने साजिश,,

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट(7389105897)

भौतिक सत्यापन के लिए खैरा छोटे ,,,गये पत्रकारों और गवाही दिए पंचों को सरपँच पति द्वारा छेड़छाड़ के आरोप में फंसाने की साज़िश…!

सारंगढ़:-पूरे छत्तीसगढ़ समेत सारंगढ में सच उजागर करने वाले पत्रकारों के लिए अब फील्ड करना और सच छापना दूभर हो गया है।

विगत समय से भ्रस्टाचार का केंद्र रहे छोटे खैरा के सरपंच के काले कारनामे के विरुद्ध आवाज़ उठाने वाले ग्रामीणों और उनके साथ देने वाले सच्चाई का साथ देने वाले पत्रकारों को अब छेड़छाड़ के आरोप में सरपँच पति द्वारा साज़िश रची जाने की खबर ग्रामीणों द्वारा दी गयी है।

*क्या है पूरा मामला:-*

विगत दिनों ग्रामीणों ने सीसी रोड, रंगमंच एवं मुक्तिधाम की शिकायत की थी। जिसे पत्रकारों ने प्रकाशित कर जनता और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ख़बर चलाया था।

आज भी ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे भब्बी कई कार्य हैं जिनको या तो नही कराया गया है या अधूरा कार्य कराकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसके सत्यापन हेतु कुछ पत्रकार छोटे खैरा गए थे।

पत्रकारों के आगमन की बात सुनकर ग्रामीणों ने पूरे गाँव मे हुवे कार्य और वर्तमान में चल रहे कार्य की जानकारी दी। स्थल निरीक्षण की बात सुनकर सरपँच पति प्रदीप साहू द्वारा स्कूल प्रांगण में पत्रकारों की वीडियो मोबाइल से लिया गया।
जब पत्रकार अपने ऑफिस और कार्यलय के लिए सभी जानकारी लेकर वापिस आये तो ग्रामीणों द्वारा फ़ोन में सूचना दी गयी कि,
अभी सरपँच पति जो खुद झोला छाप डॉक्टर है और पत्रकार कहते फिरता है उसने कुछ पत्रकारों को बुलाकर उनके सामने अपनी छेड़छाड़ की झूठी जानकारी दी..! जिसे ग्रामीणों ने तत्काल फोन पर एक पत्रकार को जानकारी दी।

*अपने पाप छुपाने पत्रकार और ग्रामीणों को टारगेट..!*

पिछले दिनों जब सरपँच के करतूतों की जानकारी मीडिया को चली और आज अंचल के पत्रकार पुनः भौतिक सत्यापन के लिए गए तो अपने को पूरी तरह फंसते देख सरपँच ने छेड़छाड़ का ब्रम्हास्त्र छोड़ने की कोशिश की..! ताकि अगर हम इनको साज़िश में फंस दें तो आगामी कोई पत्रकार सच न छाप सके, और उनकी काली कमाई जारी रहे..!

*पहले भी एक पत्रकार को किया गया था टार्गेट:-*

गाव गए ही नही की पत्रकारों को पहले ही अवगत करा दिया गया था कि आप सरपँच के घर या बाड़ी तक जाना ही मत क्योंकि हमको एक बार फंसा दिया गया था। परन्तु सच के सिपाही डरे नही और गाँव का भौतिक सत्यापन के लिए गए थे। जिसकी रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।

*क्या कहते हैं पत्रकार:-*

जब इस बावत पत्रकारों को पूछा गया तो उनका कहना है कि अगर ऐसे ही हम पत्रकारों को कोई भी फंसाने लग गया और कानून अगर पत्रकारों के विरुद्ध झूठी शिकायत लिखते रही तो छत्तीसगढ़ में चौथे स्तम्भ का खात्मा तय है। हमे कोई भी झूठी धमकी दे हम अपने पत्रकारिता पर दाग नही आने देंगे और सच उजाकर कर के रहेंगे

फिलहाल उक्त जानकारी पत्रकारों को फोन में दी गयी है उनके आगामी कदम का इंतजार कर रहे हैं।

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