कोरोना काल बच्चों के लिए सबसे बड़ी चुनौती या अवसर, क्या होगा बच्चों का भविष्य

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट 7389104897

कोरोना काल बच्चों के लिए सबसे बड़ी चुनौती या अवसर,  क्या होगा बच्चों का भविष्य

रायपुर:-पूरी मानव सभ्यता इस समय सबसे बड़ी अदृश्य समस्या का सामना कर रही है, मेडिकल साइंस व विशेषज्ञ के अनुसार आने वाला समय बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है, इस बार बच्चे ज्यादा संक्रमित होंगे?  क्या है हमारी तैयारी? सबसे ज्यादा पालक चिंतित है, विशेष रूप से पालकों की क्या जिम्मेदारी है?केंद्र व राज्य सरकारों ने बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी है, जो औसत दर्जे के बच्चे है वे निश्चित ही खुश होंगे पर जो प्रतिभावान व अग्रिम पंक्ति के बच्चे है वे बेहद निराश है, सभी बच्चों का आकलन एक ही तराजू से किया जाना निराशाजनक है।

किसी के लिए कोरोना महामारी तो किसी के  लिए अवसर

ड्रीम इंडिया स्कूल के प्राचार्य अतुल आर्थर  ने बताया कि ये समय निश्चित ही बच्चों के लिए सबसे ज्यादा चुनौती पूर्ण है,  इन दो सत्रों में बच्चे बंध कर घर मे है, लॉक डाउन के कारण पालकों के सामने यह बेहद जरूरी है कि बच्चों को अनुसाशित व व्यस्त  कैसे रखा जाए, ऑनलाइन टीचिंग के अभ्यस्त न होने से इन नवनिहालो को कैसे पढ़ाई से जोड़े रखे यह भी सोचने व चिंता वाली बात रही है। यह तो पालको के नजरिया पर निर्भर करता है कि इस महामारी को समस्या के रूप में देखे या अवसर के रूप में।  सबसे ज्यादा जरूरी है बच्चों का कौशल विकास घर पर भी करते रहे। 

  क्या कर रहे है बच्चे, आइये उन्ही से जाने

ड्रीम इंडिया स्कूल के शिक्षकों द्वारा एक सर्वे किया गया और यह जानने का प्रयास किया गया कि इस महामारी का असर घर पर रह रहे बच्चों पर किस तरह पड़ रहा है। कुछ ने इस महामारी को एक समस्या के रूप में देखा तो  यह भी सच है कि घर पर रहकर भी बच्चों के पास अवसर है कि अपना कौशल विकास कर सके। 

महामारी में ड्राइंग करना मेरा नया शौक बन गया- आर्यन सिंह

 कक्षा 9 वी के छात्र आर्यन जोशवा सिंह ने बताया कि जैसी पढ़ाई हम स्कूल में करते थे वैसा घर पर नही कर पाते परन्तु मेरी मम्मी सीमा सिंह आर्टिस्ट है अतः उन्होंने मुझे घर पर   ड्राइंग करना सिखाया जो मेरा शौक बन गया अब तस्वीरों में भावनाओ को उकेरना मेरा शौक बन गया है।

भोजन व घर के काम मे नया सीखने में कुशलता मिली- जॉयस दास दसवीं

ज्यादा समय घर पर मम्मी के साथ बिताने पर किचन व घर के काम पर नया सीखने का अवसर मिला, नई रेसिपी बनाना सीख गई हूं, माता पिता व पूरे परिवार को कोविड हो गया था जो बेहद चुनौतीपूर्ण रहा मैने घर की जिम्मेदारी को पूरा करने को मिला, बहुत कुछ सिख गयी।

मुझे कठिन विषय को घर मे खेल खेल में सीखने को मिला, अब सरल लगने लगा- सैम आर्थर -कक्षा चौथी

मुझे मैथ्स में कठिनाई होती थी, पर घर की दिवालो पर ज्यादा समय बिताने को मिला जिससे मुझे मजा आने लगा, इससे जल्द ही खेल खेल में मस्ती करते हुवे नया सीख गया,  साथ ही मुझे कोडिंग व म्यूजिक सीखने का भी समय मिला ।

पहली बार पापा के साथ ज्यादा समय बिताया- आरणा असनानी

मेरे पापा बिजनेसमैन है, स्कूल के समय जब हम सुबह स्कूल निकलते है पापा सोते रहते थे, और जब देर रात पापा दुकान से वापस आते तब तक हम सो जाते थे, कोरोना के समय लॉक डाउन के समय परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना आनंद का अवसर था, पिकनिक का सा माहौल था, साथ ही हमने कुछ ऐसे पारम्परिक खेल खेले जिसे हम पहले जानते भी नही  थे।

इस कोरोना महामारी में अभी भी हम अगर पुराने तरीके व सोच के साथ है तो अपने को व अपने परिवार को हमे बदलना होगा, इस चुनौति पूर्ण समय मे हमे  कुछ नया और अलग करना ही होगा। बच्चों को अनुसाशित, व रचनात्मक तरीके से  रखकर समस्या को भी आनंद में बदलना होगा।

 

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