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ब्रम्हकुमारीज एवं ओम शांति मीडिया ने कराया मेडिटेशन
नये भारत की स्थापना में मीडिया का योगदान
परमात्म शक्ति द्वारा स्वर्णिम भारत की स्थापना- ब्रम्हकुमारी प्रियंका दीदी
तखतपुर– तख़तपुर नगर के ब्लॉक कालोनी में ब्रम्हकुमारी बिश्वविद्याल में अध्यात्म ज्योति को जागृत कर अपने जीवन मे सकरात्मक सोच में जीवन को लागू कर अपने जीवन मे अध्यात्म समाहित कर एक शांति पूर्ण जीवन प्राप्त करने की ज्ञान प्राप्त कर 5 मिनट कि योग से 24 घंटे की आराम दिलाती है ,इस विषय पर प्रकाश डाला गया, इस दौरान श्रम जीवी पत्रकार संघ से सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया गया । सभी ने ज्योति प्रज्वलित कर अंतरात्मा में ज्योति जागृत किए ।कार्यक्रम के दौरान सभी पत्रकारों को पुष्पहार व शाल भेंट कर सम्मानित किया गया तथा उन्हें सकरात्मक लेखनी पर अपने अपने विचार ब्यक्त करने हेतु अवसर प्रदान किया गया
इस दौरान ब्रम्हकुमारी प्रियंका दीदी ने बताया कि मन सुबह फुल चार्ज्ड होता है । लेकिन सारा दिन यूज , यूज , यूज़ । शाम को जब तक घर पहुंचते हैं डिस्चार्ज्ड घर जाकर सबको क्या देते हैं एक डिस्चार्ज्ड बैटरी क्या देगी औरों को मान लो कोई प्रॉब्लम थी । ऑफिस में , किसी ने कुछ कह दिया , कोई टेन्शन हो गई , वो ही सब विचारों से डिस्चार्ज्ड होते – होते घर पहुँचते हैं । छोटा सा बच्चा सारा दिन ! इंतजार कर रहा था कि पापा घर आयेंगे तो मुझे अपनी कोई प्रॉब्लम डिसकस करनी है । जैसे ही आपने घंटी बजाई , वो भागते हुए आपके ! पास आता और कहता , पापा , मुझे आपसे ये बात करनी थी । आपका रियेक्शन उस टाइम ? उस समय हमने क्या किया , जो तनाव लेकर हम आ रहे थे ऑफिस से वो आकर हमने उनको सौगात दे दिया । उस छोटे ! से बच्चे को उसके पापा से भी यही मिलता है , मम्मी से भी यही मिलता है , टीचर से भी स्कूल में यही मिलता है , उसकी स्थिति कैसी होगी हम सब इतनी मेहनत करते हैं , किसलिए ! किसके लिए इतनी मेहनत करते हैं बच्चों के लिए , और बच्चों को क्या देना चाहते हैं , खुशी । और दे क्या रहे हैं, टेन्शन । ये हमें चेक करना है कि मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है अपने परिवार के लिए क्या चाहिए
मैं अपने घर लेकर क्या आना चाहता हूँ शाम को , और मैं लेकर क्या आता हूँ ! इसको रुककर चेक करना पड़ता है । अब अगर हम मन को चार्ज करके सुबह लेकर चलें , सारा दिन यूज भी करते रहें लेकिन साथ – साथ चार्ज भी । करते रहें , तो कैसा मन शाम को घर पहुंचेगा फुल चार्ज्ड । और मन को सारा दिन चार्ज करने की विधि है हर एक घंटे के बाद एक मिनट ! साइलेंस और साइलेंस मतलब ये नहीं कि बस बैठ गये साइलेंस में । मन फिर भी एक्टिव है
। साइलेंस मतलब स्टॉप । वास्तव में चेक करना,इस दौरान सभी को मेडिटेशन को जीवन मे लागू करने आग्रह किया गया । इस दौरान ब्रम्हकुमारी प्रियंका, बिमला जांगड़े,घनश्याम जांगड़े, डीसी यादव, राजाराम कश्यप, डॉ संध्या, महावी यादव, उत्तम पांडेय, नारद कश्यप, कृष्ण कुमार साहू,मालती की विशेष सहयोग रहा, इस अवसर पर पत्रकारों में टेकचंद करड़ा, दिलीप तोलानी,राकेश मिश्रा,परवेज भारमल,मंजीत सिंह चंचल,पी बेनेट, अभषेक सेमर अमर चंद शर्मा,संजीव पांडेय, शील पाठक आदि मौजूद रहे।