राजेश सोनी बिलासपुर ब्यूरो रिपोर्ट…….
लॉकडाउन के बीच घर पर ही बालिकाओ ने रचाया गुड्डे गुड़ियों की शादी….अक्षय तृतीया में सराफा व्यवसाय ठप्प।
बिलासपुर- मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन पुरोहित लोग कोई लग्न मुहूर्त नही देखते।आज का दिन हर प्रकार से शुभ होता है।युवक युवती का विवाह हर दृष्टि से शुभ होता है।आज के दिन शादिया बिना रोकटोक के हो जाती है।पूरे वर्ष में जिन युवक युवती के विवाह का मुहूर्त नही बनता वे आज के दिन शुभ मुहूर्त का इंतजार करते है।
लेकिन देश भर में कोरोना वायरस के प्रकोप एवम लॉक डाउन के चलते देश मे असली शादी तो नही हो रही है।लॉक डाउन में
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण एवम शहर की छोटी छोटी बालिकाएं द्वारा आज के दिन अक्ती का पर्व मानकर खेल खेल में गुड्डे और गुडिओ का विवाह पूरे रीति रिवाज और नियमो को ध्यान में रखकर विवाह संपन्न करा के आनद लिया गया।
अक्षय तृतीया का पर्व जिले में शांति पूर्ण वातावरण में पारम्परिक ढंग से घर मे ही मनाया गया।जगह जगह बालिकाओ ने गुड्डे और गुड़ियों की शादी रचाई।उनके लिए मंडप सजाया गया और तेल और हल्दी चढ़ाई गयी।सात फेरे लिए गए और बेटी के लिए टिकावन भी दिए गए। दादा दादी एवम माता पिता ने रस्म निभाने में सहयोग सहित फिजिकल डिस्टेंस रखने को प्रेरित किया गया।
अक्षय तृतीया पर् सराफा व्यवसाय ठप्प……….
माना जाता है कि अगर आप इस दिन सोना खरीदते हैं तो यह आपके जीवन में अनंत समृद्धि लाती है।जिसका शुभ फल आपके साथ आपके पूरे परिवार को मिलता है जिससे
अक्षय तृतीया पर हर वर्ष सोने-चांदी की धातुओं और आभूषणों की जोरदार खरीदारी होती थी।
अक्षय तृतीया पर् हर साल गुलजार रहने वाला सराफा बाजार इस बार लॉकडाउन की वजह से सन्नाटे में है। खरीदार भी घरों के अंदर रहे और दुकानदार भी।लॉकडाउन के कारण बाजार में पूरीतरह सन्नाटा पसरा है। सराफा कारोबारियों का पर्व पर करोड़ो की बिक्री हो जाती थी। लेकिन इस बार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और लॉक डाउन के नियमो का पालन कर रहे है।