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कोटा स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा बैंक हितग्राहियो को किया जा रहा है , बत्तमीजी,,

*विकास तिवारी

स्टेट-बैंक कोटा शाखा-प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा बैंक हितग्राहियों से किया जाता है,, दुर्व्यवहार।*

*खाता-धारक द्वारा रुपए नहीं मिलने के सवाल के जवाब पर जेल भेजने की धमकी दे डाली बैंक कर्मचारी ने।*

*प्रधानमंत्री जनधन-खाता-धारक बुजुर्ग-महिलाएं पुरुषों को काउंटर से डांट-फटकार कर भगा दीया जाता है।*

*रसूखदार-ठेकेदारों खाताधारकों के तीमारदारी के साथ,,घर पहुँच सेवा प्रदान करते बैंक प्रबंधक-बैंक कर्मी।*

*दिनांक:-13-02-2019*

*करगीरोड-कोटा:-भारतीय स्टेट-बैंक कोटा में एकमात्र शाखा होने से खाताधारकों को लेन-देन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर छोटे बुजुर्ग महिलाएं-पुरुष खाताधारकों को उसके बाद भी बैंक-प्रबंधक व बैंक के कर्मचारियों द्वारा खाता-धारकों से रुपए निकालने के दौरान अभद्र व्यवहार की शिकायते लगातार खाताधारकों द्वारा किया जा रहा है, वही पर रसूखदार बड़े ब्यापारी-ठेकेदारों जैसे हितग्राहियों को बैंक के अंदर कुर्सी पर बैठाकर चाय-काफी के खातिरदारी के साथ रुपए के लेनदेन किया जाता है, आवश्यकता पड़ने पर रसूखदार लोगो को घर पहुच सेवा भी प्रदान की जाती है, बैंक प्रबंधक व कर्मचारियों द्वारा।*

*खाताधारको के लगातार शिकायतों पर बैंक-प्रबंधन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है, प्रबंधन द्वारा शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, इससे पूर्व में कोटा नगर के ही खाता-धरक देवेंद्र कश्यप द्वारा स्वयं के रुपए नही देने पर बैंक व बैंक के प्रबंधक के खिलाफ बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन कर दिया गया था, साथ ही विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्मदाह की चेतावनी भी दी गई थी, उसके बाद बैंक प्रबंधन द्वारा आनन फानन में पूरे मामले पर माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नही होने की बात कही गई थी, उस घटना के कुछ दिनों तक सब ठीक-ठाक था, उसके कुछ दिनों पश्चात दो बैंक प्रबंधक बदल गए, नए कर्मचारियों आ गए, मगर बैंक-प्रबंधक व कर्मचारी फिर से पुराने ढ़र्रे पर काम करना शुरू कर दिया, खाता-धारकों व हितग्राहियों से लगातार दुर्व्यवहार करने की शिकायतें आने लगी,बैंक प्रबंधक बदला वस्तुस्थिति नही बदली ,भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक के द्वारा ग्राहकों से अभद्र व्यवहार करने की शिकायते बैंक के उच्च अधिकारियों से करने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होता देख, बैंक के ग्राहकों द्वारा मीडिया से बैंक-कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायतें की गई ग्राहकों द्वारा बताया गया,कि आरटीजीएस के लिए हितग्राही सुबह से शाम तक बैंक के चक्कर लग समस्या लेकर जाता है बैंक में मैनेजर के द्वारा उसे भगा दिया जाता है,और तो और बैंक में हितग्राहियों के लिए टॉयलेट की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे कि महिला हितग्राहियों को काफी दिक्कतो का सामना करना पड़ता है,न ही बैंक में पीने के पानी की व्यवस्था है, पार्किंग की व्यवस्था भी एसबीआई बैंक के द्वारा नही कि जाती, जिससे पूरे रोड में यातायात व्यवस्था गड़बड़ा जाती है,भारी आवागमन से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, बैंक में सुरक्षा गार्ड भी दिखाई नहीं पड़ता बैंक में अगर कुछ उठाई-गिरी हो जाए तो बैंक प्रबंधन मुंह ताकते रहेगा ,सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सीसीटीवी कैमरा तो जरूर है ,पर सुरक्षा गार्ड की आवश्यकता शायद बैंक प्रबंधन को नहीं है, ना ही स्टेट बैंक के एटीएम में सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की गई है,आज की तारीख में आए दिन एटीएम का क्लोन बनाकर शातिर अपराधी द्वारा एटीएम में डिवाइस लगाकर खाताधारकों को चूना लगाया जा रहा है, इसके बाद भी बैंक प्रबंधन आंखें मूंदे बैठा है, बैंक प्रबंधन को और भारतीय स्टेट-बैंक को केवल मिनिमम बैलेंस के नाम से गरीब हितग्राहियों से तगड़ी वसूली की जा रही है, जिसका खाताधारक हितग्राहियों को जानकारी ही नहीं हो पाती कि उनका कितना पैसा बैंक से कट गया है, बैंक और बैंक प्रबंधक लूट मचाए हुए हैं।*

*एसबीआई के सामने कि-ओस्क बैंक की काफी सारी शिकायतों को दरकिनार करते हुए भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक के द्वारा शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता, जबकि कियोस्क-बैंक संचालक की शिकायत कई बार बैंक प्रबंधक से की जा चुकी है,उसके बाद भी एसबीआई के बैंक प्रबंधक अंजन कुमार के द्वारा कि-ओस्क बैंक के संचालक के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, करवाई नहीं होने पर कियोस्क बैंक के संचालक और बैंक-प्रबंधक की मिलीभगत और सांठगांठ की संभावना प्रबल हो जाती है, ग्रामीण-इलाकों के आमजनों के जनधन-खाता हितग्राहियों से व्यवहार सही ढंग से नहीं किया जाता है, जबकि कि-ओस्क बैंक एसबीआई मेन ब्रांच के सामने के संचालक के द्वारा कई बार हितग्राहियों का अंगूठा लगाकर पैसा निकाल लेने की शिकायत अनेकों बार एसबीआई के बैंक प्रबंधक से की जा चुकी है, उसके बाद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई समस्या पूछने पर बैंक मैनेजर के द्वारा कहा जाता है, कि बैंक के चपरासी से बात कर लो जैसे कि बैंक का चपरासी ही बैंक प्रबंधक हो या फिर बैंक के चपरासी के माध्यम से ही बैंक में दूसरे दरवाजे से लेन-देन का कार्य किया जाता है, बैंक में शिकायत-पुस्तिका एवं उच्च अधिकारियों के शिकायत नंबर भी बैंक द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जाता है, ग्राहक को अगर शिकायत करना है, तो कहा करे बैंक के अंदर आधार कार्ड लिंक करने के लिए बैंक में कंप्यूटर-संचालक से सांठगांठ करके बैंक के अंदर बैठा दिया गया है, जबकि बैंक में जगह बहुत कम है, कई महीनों से इसी ढर्रे पर बैंक का कार्य चल रहा है, बैंक में विकलांगों की भी आने-जाने की कोई व्यवस्था नहीं है ,ना ही रैंप बनाया गया है,जबकि राज्य-शासन एवं केंद्र शासन का सख्त निर्देश है, कि विकलांगों के आने-जाने के लिए हर शासकीय-कार्यलयों में बैंकों में रैम बनाना आवश्यक है, शासन के आवश्यक दिशा-निर्देश की अवमानना कर रहा भारतीय स्टेट बैंक।*

*अभी कुछ दिन पहले बैंक प्रबंधक द्वारा यह बैंक खाता धारक से यह कहा गया कि बैंक का लिंक फेल है,जबकि बैंक के पास कैश उपलब्ध नहीं था ,बैंक-खाता धारक विनोद श्रीवास फिरंगीपारा निवासी द्वारा मीडिया से शिकायत कि गई और कहा गया की बैंक मैनेजर वह बैंक-कर्मी का व्यवहार हितग्राहियों से ठीक नहीं है ,सुबह 11:00 बजे से पैसा निकालने के लिए दोपहर 2:00 बजे तक खड़ा किया गया था, घंटो खड़ा कराने के बाद बैंक प्रबंधन द्वारा कहा गया कि लिंक फेल है, जबकी अन्य काउंटर पर बैंक-कर्मी पैसा जमा ले रहे थे,मेरे द्वारा आपत्ति करने पर बैंक कर्मी द्वारा मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया और मेरा पेमेंट नहीं देने के साथ मुझे जेल भेजने की धमकी दी गई, इस पूरे मामले पर भारतीय स्टेट बैंक कोटा के प्रबंधक अंजन कुमार से उनके मोबाइल पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया पर बैंक-प्रबंधक द्वारा कॉल-रिसीव नहीं किया गया, बैंक जाकर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो बैंक कर्मी द्वारा बताया कि शाखा प्रबंधक छूट्टी पर है, इससे पता चलता है ,कि भारतीय स्टेट-बैंक के बैंक-कर्मी ही नहीं बैंक-प्रबंधक के तानाशाही रवैया से पूरा बैंक-ऑपरेट किया जा रहा है, बैंक प्रबंधक को खाताधारकों हितग्राहियों की शिकायतों की कोई परवाह नहीं।*

*पूर्व में भारतीय स्टेट-बैंक के गलत-रवैया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और आत्मदाह करने का प्रयास कर चुके पूर्व पार्षद और नगर कांग्रेस कमेटी के नगर अध्यक्ष देवेन्द्र कश्यप में इस पूरे मामले पर भारतीय स्टेट बैंक के शाखा-प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों के क्रियाकलापों और खाताधारक-हितग्राहियों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर जल्द ही शाखा प्रबंधक और बैंक-कर्मी अपना व्यवहार नहीं सुधारते हैं, तो बैंक के बाहर शाखा-प्रबंधक और कर्मचारियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा इसके अलावा उन्होंने भारतीय स्टेट-बैंक के शाखा प्रबंधक और कुछ बैंक कर्मी जो काफी वर्षो से एक ही जगह पर जमे हुए हैं, उनके व्यवहार की शिकायत और तबादले के लिए भारतीय स्टेट बैंक के उच्च-अधिकारियों के पास लिखित में शिकायत करने की बात तब कही।*

*बैंक हितग्राहियों और खाताधारकों से स्टेट-बैंक के शाखा-प्रबंधक और बैंक-कर्मी द्वारा दुर्व्यवहार को लेकर कोटा नगर के मीडिया घराने के वरिष्ठ पत्रकार हरीश चौबे ने इसकी कड़ी आलोचना की है, साथ ही इससे पहले भी शाखा प्रबंधक और बैंक कर्मियों के खिलाफ लिखित शिकायत की बात वरिष्ठ पत्रकार हरीश चौबे ने की थी पर ऊपर बैठे उच्च-अधिकारियों के कानों में अब तक जूं नहीं रेंगी ऊपर के उच्च-अधिकारी भी अब तक कुंभकर्णी नींद में सोए हुए दिखाई पड़ रहे हैं।*

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