छग ब्यूरो चीफ पी बेनेट(7389105897)
विश्व आदिवासी दिवस
मुख्यमंत्री श्री बघेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित
मुंगेली जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति चंद्राकर और कलेक्टर श्री एल्मा ने संयुक्त रूप से प्रदान किया वन अधिकार समिति के अध्यक्षों को वन अधिकार पत्रक
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में 90 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थी हुए सम्मानित
मुंगेली 09 अगस्त 2020// विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होने पूरे आदिवासी समाज को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कलेक्टोरेट स्थित स्वान कक्ष में आयोजित विडियो काॅन्फ्रेसिंग में मुंगेली जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लेखनी सोनू चंद्राकर, कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्रीमति नुपूर राशि पन्ना, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त कुमारी शिल्पा सांय सहित विभिन्न वन अधिकार समिति के अध्यक्ष और सचिव शामिल हुए । इस अवसर पर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीमति चंद्राकर और कलेक्टर श्री एल्मा ने संयुक्त रूप से वनो से आच्छादित ग्राम पंचायत कारीडोगरी, बघनीभांवर, बिजराकछार, और चेंचानडीह के 24 वन अधिकार समिति के अध्यक्षों को सामुदायिक प्रयोजन हेतु लगभग 70 हेक्टेयर वन क्षेत्र भूमि का वन अधिकार पत्रक प्रदान किया। सामुदायिक वन अधिकार के तहत दी गई भूमि पर चारागाह, आंगनबाडी भवन, प्राथमिक एवं शासकीय माध्यमिक शाला, सामुदायिक भवन और मुक्तिधाम का निर्माण किया जाएगा।
कार्यक्रम में श्रीमति चंद्राकर और कलेक्टर श्री एल्मा ने जिले के विकास खण्ड लोरमी के ग्राम बंधवा में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 8वीं में 93.18 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली छात्रा कुमारी खुशबू और कक्षा 8वीं की ही छात्रा कुमारी उषा ध्रुव द्वारा 91.36 प्रतिशत अंक हासिल करने पर उन्हे प्रमाण पत्र और प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया और उनके उज्जवल एवं सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
इसके पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय में मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत की और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। उन्होने विडियो काॅन्फ्रेसिंग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज का गौरवशाली इतिहास और सस्कृति है। आदिवासी समाज अपने गौरवशाली इतिहास और सस्कृति को सरक्षित करते हुए वन संसाधनों का उपयोग करते हुए अपने जीवन स्तर को ऊचा उठाने का कार्य किया है। राज्य सरकार द्वारा भी आदिवासी समाज के विकास के लिए नये दृष्टिकोण और नई नीति के अनुरूप रोजगार के नए-नए अवसर प्रदान किये जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज के आर्थिक विकास और कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओ से उनके जीवन में आवश्यक बादलाव आ रहा है।
उन्होने कहा कि आदिवासी संस्कृतिक को सरक्षित उनके जीवनस्तर को और अधिक ऊचा उठाने के लिए कृषि और वनोपज आधारित उद्योगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। छत्तीसगढ़ धान के कटोरा के साथ अब लघुवनोपज राज्य के रूप में भी जाना जाएगा। इससे हमारे पुरखो द्वारा देखे गए एक समृद्धशाली छत्तीसगढ़ का सपना सकार होगा। उन्होने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस, आदिवासी समाज को बोलने और विकास के लिए मुखर होने का एक मंच प्रदान करता है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है। यहां की कुल आबादी में 32 प्रतिशत हिस्सा आदिवासियों का है। इस अवसर पर उन्होने बडे़ पैमाने पर व्यक्तिगत और सामुदायिक पट्टे देने के भी बात कही।