छग ब्यूरो चीफ पी बेनेट(7389105897)
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले नये किसानो का पंजीयन का कार्य 31 अक्टूबर तक
धान से पृथक अन्य फसलों के रकबे को किसी भी परिस्थिति में धान के रकबे के रूप में पंजीयन नही किया जाए:- कलेक्टर श्री एल्मा
पंजीकृत किसानों को पंजीयन कराने के आवश्यकता नही
मुंगेली 25 अगस्त 2020// राज्य शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्टोरेट मनियारी सभा कक्ष में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु कृषकों के पंजीयन के संबंध में मुंगेली अनुभाग के राजस्व अधिकारियों, खाद्य अधिकारियों और सहकारिता एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक एवं 18 समिति के समिति प्रबंधको और कम्प्यूटर आपरेटरों का संयुक्त प्रशिक्षण एवं कार्य शाला का आयोजन किया गया। संयुक्त प्रशिक्षण एवं कार्य शाला में विपणन कार्यालय के प्रोग्रामर द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से पंजीयन संबंधी आवश्यक जानकारी दी गई। इस अवसर पर कलेक्टर श्री एल्मा ने भी समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु कृषको के पंजीयन के संबंध में आवश्यक मार्ग दर्शन दिये। उन्होने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले नये किसानो का पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो गया है। पंजीयन का कार्य आगामी 31 अक्टूबर तक चलेगा। उन्होने कहा कि विगत खरीफ वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों को पंजीयन कराने के आवश्यकता नही है। बल्कि उन्हे दर्ज भूमि एवं धान के रकबे तथा खसरे को राजस्व विभाग के माध्यम से अद्यतन करना होगा। उन्होने कहा कि यदि पूर्व में पंजीकृत किसान किसी कारण से पंजीयन में संशोधन कराना चाहते है तो उन्हे समिति माडयूल के माध्यम से संशोधन करने की व्यवस्था प्रदान की गई है।
कलेक्टर श्री एल्मा ने कहा कि नये पंजीयन हेतु किसानो द्वारा समिति से आवेदन प्राप्त कर उसे भर कर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में उल्लेखित भूमि एवं धान के रकबे तथा खसरे का पटवारी द्वारा राजस्व रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन कार्य में राजस्व विभाग के भुईया, डाटाबेस का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जाएगा। तहसीलदार के द्वारा सभी साक्ष्य देखने और परीक्षण करने के बाद नवीन किसान का पंजीयन किया जाएगा। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा कार्यो का सतत् परीक्षण किया जाएगा। उन्होने बताया कि पंजीयन के दौरान सभी कृषकों का आधार नंबर उनकी सहमति से प्राप्त किया जाएगा। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नही है तो ऐसे कृषकों का आधार पंजीयन तत्काल सुनिश्चित करते हुए आधार नंबर सहित पंजीयन कराया जाए। किन्तु आधार नंबर नही होने के कारण किसी कृषक को पंजीयन से वंचित नही किया जाए। धान विक्रय से पूर्व पंजीकृत कृषक की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा नामांकित व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की जा सकेंगी। कलेक्टर श्री एल्मा ने संयुक्त प्रशिक्षण एवं कार्य शाला में कहा कि किसान पंजीयन हेतु किसान द्वारा बोए गए धान के वास्तविक रकबे की खसरावार जानकारी ली जाए। उद्यानिकी तथा धान से पृथक अन्य फसलों के रकबे को किसी भी परिस्थिति में धान के रकबे के रूप में पंजीयन नही किया जाए। इस अवसर पर मुंगेली अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री चित्रकांत चार्ली ठाकुर, जिला खाद्य अधिकारी श्री विमल दुबे, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री उत्तर कुमार कौशिक भी मौजूद थे।