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प्रदेशाध्यक्ष धरम लाल कौशिक को भाजपा के नेताप्रतिपक्ष बनाने के बाद कईयों को हुई खुजली

छ. ग ब्युरो चीफ पी बेनेट

भाजपा में नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है .भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का जहां भाजपा विधायक ही विरोध किया. वहीं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मीडिया प्रभारी देवेंद्र गुप्ता ने सोशल मीडिया फेसबुक में कड़ा हमला बोला .दरअसल पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल भी नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल थे. उन्हें ज्यादातर पविधायकों का समर्थन भी प्राप्त था ,लेकिन आलाकमान ने उनके नेता प्रतिपक्ष ना बनाकर श्री कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाया .इसके बाद से पूर्व मंत्री श्री अग्रवाल के समर्थकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है .इसमें मीडिया प्रभारी श्री गुप्ता खुलकर विरोध कर रहे हैं उनकी पोस्ट पर लोगों की पत्रिकाएं भी आ रही है. जिसमें लोकसभा चुनाव भाजपा द्वारा 11-0 से हराने और कार्यकर्ताओं के बीच आक्रोष   जैसे बातें शामिल है श्री गुप्ता के विरोध की शुरुआत 2 जनवरी को रात 11: 21 बजे ही हो गई थी.उन्होंने फेसबुक में लिखा बेशर्मी की हद है, अब भी गुलाम की तलाश कर रहे हैं  शुक्रवार 4 जनवरी की सुबह 8:16 बजे एक पेपर कटिंग पोस्टर कर लिखा इसे कहते हैं अनुशासन 49 से 15 में आ गए पर मजाल है कि कोई चू की आवाज आई हो ,यहां पर अगर कांग्रेस होती तो अभी तक चप्पलों की बरसात हो जाती खैर जो होता है अच्छे के लिए होता है उनके सोशल मीडिया में पोस्ट का सिलसिला यहीं नहीं रुका सुबह 10:30 बजे तीसरा पोस्ट डाला हम कांग्रेस को एक परिवार की पार्टी करते हैं यहां छत्तीसगढ़ में भी तो एक पार्टी दो यार की पार्टी बनकर रह गई है कि दोपहर 12:16 बजे लिखा कि अभी अभी मित्र जितेंद्र गोलछा ने बताया कि भाजपा कार्यालय में की तरह की अप्रिय घटना हो सकती है 

ननकीराम ने माला पहनने से किया इनकार 

श्री कौशिक के नाम की घोषणा के बाद स्वागत का दौर चला उन दौरान श्री कौशिक पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर को माला पहनाने लगे तब श्री कंवर ने कहा कि वे माला नहीं पहनते हैं .जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ सी ने यह कह कर माहौल को हल्का करने की कोशिश की कि वे केवल शादी में माला पहनते थे इतना सुनकर वहां ठहाके  लगे श्री कवर के इस त्यौहार को उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा गया एकात्म परिसर में श्री कंवर अकेले विधानसभा के लिए निकले 

सारे विकल्प किए खारिज 

बताते हैं कि विधायकों के विरोध का आलम यह था कि कई विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग की लेकिन डॉक्टर जैन ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि उन्होंने पहले ही नेता प्रतिपक्ष बनने से इनकार कर दिया है .इसके बाद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने 13 विधायकों में से किसी को भी नेता प्रतिपक्ष बनाने की बात रखी इसका अन्य विधायकों ने भी समर्थन किया इस बीच श्री अग्रवाल ने मत विभाजन हाथ उठाने और पर्ची निकालने जैसे जहां भी दिए गए लेकिन डॉक्टर जैन ने इस हिस्से में भी इनकार करते हुए दोहराया कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने जो नाम दिया है उस पर सहमति बनानी है .इसके बाद विधायकों ने पर्यवेक्षकों के सामने श्री कौशिक की जमकर करने गए जिसके चलते पर्यवेक्षक घंटो किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाए विधायकों ने यहां तक कि कहा कि चुनाव में हारने वाले को अपने प्रतिरक्षा बना दिया था .जिस के नेतृत्व में चुनाव हारे तो नेता प्रतिपक्ष अभी बना दिया प्रदेश दशक के साथ साथ उन्हें बिलासपुर का जिलाध्यक्ष भी बना देना चाहिए राज्यसभा के लिए भी उनका ही नाम आगे बढ़ाया जाता है एक विधायक ने यह भी कह दिया कि फिर भी विधायक दल की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी ?इसके बाद विधायकों ने मीटिंग की मांग रखी जिसके बाद प्रेरकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शाह की विधायकों से बात कराई 

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