छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट 7389105897
मुंगेली जिले में छत्तीसगढ़ की परम्परा और संस्कृति के अनुसार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गोवर्धन पर्व
जिला पंचायत अध्यक्ष और कलेक्टर ने ग्राम विचारपुर में आयोजित गोवर्धन पर्व में हुए शामिल
मुंगेली 07 नवम्बर 2021// राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप मुंगेली जिले में 05 नवम्बर को आयोजित गोवर्धन त्यौहार को गोठान दिवस के रूप में मनाया गया। गोठान दिवस को छत्तीसगढ़ की परम्परा और संस्कृति के अनुसार हर्षोल्लास के बीच धूमधाम और गरिमामय वार्तावरण में मनाया गया। इस मौके पर जिले के विकास खण्ड लोरमी के ग्राम बिचारपुर में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लेखनी सोनू चंद्राकर, कलेक्टर श्री अजीत वसंत एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्री रोहित व्यास और लोरमी अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्रीमति मेनका प्रधान, जनपद पंचायत लोरमी के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्रीमति अनुराधा अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गौपालक एवं ग्रामीणजन शामिल हुए। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति चंद्राकर और कलेकटर श्री वसंत ने गोवर्धन की पूजा अर्चना की और गौ माता को खीर-पूड़ी खिलाकर जिले की सूख समृद्धि एवं खुशहाली की मंगल कामना की।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति चंद्राकर और कलेक्टर श्री वसंत ने जिले के नागरिकों को छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व गोवर्धन पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की आत्मा गांवों में बसती है। गांव की विकास से ही देश और राज्य का विकास होता है। इसी परिकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा को गोठान दिवस के रूप में मना रहा है। इस दौरान उन्होने पर्यावरण संरक्षण एवं संर्वधन के लिए गोठान परिसर में पीपल का पौधा रोपित किया और लगाये गये पौधों की सुरक्षा और देख भाल के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा गोठानों में पशुधन के पैरा-चारे की व्यवस्था के लिए गोठान प्रबंध समिति को 40-40 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि का उपयोग किसान भाईयों द्वारा दान किये गये धान की पैरा के संग्रहण, मजदूरी एवं परिवहन पर व्यय की जाएगी। किसान भाई बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी धान की कटाई के बाद खेतो में पैरा को जलाने के बजाय अपने गांव की गोठान समिति को पैरा दान करेंगे। ताकि गोठानो में पशुधन के लिए साल भर चारे की व्यवस्था हो सके।