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यह कैसा ओडीएफ, जब नग्गर पालिका कार्यालय में ही शौचालय  का है लचर ब्यवस्था,, दिया  तले अंधेरा

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट,((7389105897)

यह कैसा ओडीएफ, जब नग्गर पालिका कार्यालय में ही शौचालय  का है लचर ब्यवस्था,, दिया  तले अंधेरा,,

तखतपुर। देश में स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता की एक ऐसी मिसाल है, जो स्वच्छता का अलख जगाने का जिम्मा नगर निगम और नगर पालिका को मिला हुआ है, वही नगर पालिका आज स्वच्छता और शौचालय दोनों को लेकर जद्दोजहद में जूझ रहा है। दरअसल स्वच्छ भारत मिशन भले ही पूरे भारतवर्ष में नंबर वन स्कीम क्यों ना हो,

लेकिन इस योजना पर *”दिया तले अंधेरा”* की एक कहावत एकदम सटीक बैठती है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट की योजना स्वच्छ भारत मिशन देश के सभी शहर और गांव गांव में स्वच्छता की अलख जगाकर लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए जागरूक कर रही है और शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान जोरों पर कर रहे हैं, केंद्र सरकार ना सिर्फ प्रचार प्रसार अभियान और अपील तक ही सीमित है, वरन प्रत्येक हितग्राहियों को शौचालय निर्माण के लिए अनुदान राशि भी उपलब्ध करा रही है। हालांकि एक खबर पर रोचक बात यह है कि छत्तीसगढ़ की न्यायधनी बिलासपुर जिले की तखतपुर नगर पालिका शौचालय अभियान में खुद को ओडीएफ मुक्त का तमगा लगाकर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकती है। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है नगर पालिका दफ्तर में ही शौचालय की व्यवस्था नहीं है। जबकि नगर पालिका के आधे से अधिक पार्षद महिला है और अधिकारी भी महिला हैं। ऐसे में दफ्तर में शौचालय ना होना केंद्र सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट को ठेंगा दिखाने का उदाहरण बना हुआ है। बता दें कि पूरे तखतपुर नगर ओडीएफ मुक्त बनाने की होड़ में व्यस्त है। लेकिन नगर पालिका ने मीडिया के हस्तक्षेप के बाद हाल ही में दफ्तर प्रांगण पर महिला और पुरुष के उपयोग हेतु नवनिर्मित शौचालय भवन तैयार किया है। लेकिन इस शौचालय में दुर्भाग्य की बात यह है कि पुरुष प्रसाधन में ठेकेदारों के कबाड़ के सामान और महिला प्रसाधन में ताला लटक रहा है।

ऐसे में शौचालय और मूत्रालय के लिए लाखों खर्च कर तैयार किए गए। लेकिन शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा है और विभाग के अधिकारी – कर्मचारियों समेत जनप्रतिनिधियों को मुंह चिढ़ा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर पालिका के दावे ओडीएफ मुक्त तखतपुर की कितनी सच्चाई है। इसका जवाब अपने दफ्तर के ही शौचालय को उपयोग के लायक नहीं बनाया गया है तो शहर में शौचालय की स्थितियां होंगी। इस संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी शीतल चन्द्रवंशी ने कहा कि फिलहाल नगर पालिका का शौचालय निर्माणाधीन है। इस वजह से शुरू नहीं हो पाया है, इसे जल्द ही प्रारम्भ किया जाएगा।

गौरतलब है कि तखतपुर मुख्य नगर पालिका अधिकारी के इस बयान से ये प्रतीत होता है कि नगर पालिका के ठेकेदार को संरक्षण अधिकारी दिए हुवे है। यही वजह है कि ठेकेदार निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्यालय को हैंडओवर नही किया हुआ है और शौचालय को कबाड़ के रूप मे उपयोग कर रहा है। हालांकि पार्षद और जनप्रतिनिधियो ने ठेकेदार को दिए संरक्षण को लेकर नाराजगी जाहिर की है, लेकिन विभाग के अधिकारियों के कान में जू तक नही रेंग रही है।

 

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