हड़ताड़ से घर जा रहे दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, सात लोगो की हालत गंभीर

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट 7389105897

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता  रायपुर  हड़ताल से वापस जाते समय कोंडागांव के पास दुर्घटना में दो महिला शहीद एवं 7 लोग गंभीर रूप से घायल

रायपुर /, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका संयुक्त मंच के नेतृत्व में सरकार की वादा खिलाफी के विरुद्ध 7 दिवसीय हडताल 10 दिसंबर से बूढा़तालाब धरना स्थल पर शुरु हुआ है, सयुंक्त मंच ने रायपुर में 14 दिसंबर को विधान सभा का घेराव करने का कार्यक्रम से वापस जाते समय कोंडागांव के पास बनियागांव के पास दर्दनाक हादसे में आंगनबाड़ी के दो  कार्यकर्ता  पार्वती एम्ला एवं यशोदा गोर्ला का देहान्त  हो गया और 6 कार्यकर्ता नंदिनी गुरला,लक्ष्मीअंगनपल्ली,विमला हेमला,पुनितासेमल,उर्मिला पुजारी,चिनाबाई पुजारी,एवं ड्रायवर मुकेश चुन्नम गंभीर रूप से घायल हुये हैं |आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संयुक्त मंच-में शामिल प्रगतिशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष हेमा भारती, छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रान्तीय अध्यक्ष सरिता पाठक,छत्तीसगढ़ प्रदेश आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रांतीय अध्यक्ष कॉमरेड रुक्मणी सज्जन,एवं संघर्षशील आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष कल्पना चंद्रा ,कॉमरेड सौरा यादव, देवेंद्र पटेल,विश्वजीत हरोडे़ एवं प्रमुख साथियों ने बुढा़ तालाब धरना स्थल पर दुर्घटना में शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

संयुक्त मंच की संयोजिका सरिता पाठक ने कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, राज्य में लगभग एक लाख कार्यकर्ता सहायिका इस आंदोलन में भागीदारी कर रही हैं।चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सरकार बनने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का नर्सरी शिक्षक के रुप में  उन्नयन किया जायेगा और कलेक्टर दर पर वेतन दिया जायेगा। किन्तु सरकार बनने के तीन साल बाद भी भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया है। छत्तीसगढ़ की महिलाओं के श्रम के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ और किसी राज्य में नहीं दिखलाई दे रहा है। इस बात को लेकर अनेको बार प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने धरना-प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन को मांग पत्र दिया जा चुका है, लेकिन हर बार केवल आश्वासन देकर हमारे साथ खिलवाड़ किया जा रहा है एवं हमे अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए सरकार मजबूर कर रही है। 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की मांगे:-

1. शिक्षाकर्मियों की तरह आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को भी शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाये एवं मध्यप्रदेश शासन की तरह 10,000 रुपये प्रतिमाह दिया जाये।

2. मिनी आंगनबाडी को पूर्ण आंगनबाड़ी बनाया जाये।

3. सुपरवाइजर के रिक्त पदों को वरिष्ठता क्रम के आधार पर कार्यकर्ताओं से ही शीघ्र भरा जाये।

4. कार्यकर्ता के रिक्त पदों को सहायिकाओं से ही भरा जाये तथा 25 प्रतिशत के बंधन को समाप्त किया जाये।

5. मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी एवं समूह बीमा का लाभ दिया जाये।

6. मोबाईल, नेट चार्ज और मोबाइल भत्ता दिया जाये। भत्ता जब तक प्रदान न हो, तब तक बी.एल.ओ सहित कोई भी मोबाईल संबंधी कार्य न लिया जाये।

7. आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की सेवा के दौरान असामयिक मृत्यु होने पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाये। कोविड 19 के दौरान किये गये सेवा कार्यों हेतु प्रोत्साहन राशि दिया जाये।

8. विभिन्न कारणों से सेवा मुक्त किये गये सभी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को निःशर्त सेवा मे पुनः बहाल किया जाये।

10.आंदोलन में शहीद दो कार्यकर्ता के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति एवं 10 लाख रुपए और घायलों को समुचित ईलाज एवं 5 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाय।

उक्ताशय की जानकारी तखतपुर परियोजना अध्यक्ष सुचिता शर्मा द्वारा दी गई|

  

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