छ ग ब्यूरो चीफ पी बेनेट
chandrayaan-2 के लैंडर विक्रम का बीती रात चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया. ऐसी आशंका है कि विक्रम लेंडर चांद की सतह पर क्रश हो गया है .अब आर्बिटर की मदद से उसकी तस्वीर लेने की कोशिश की जा रही है. विक्रम लेंडर फिर से काम करेगा इसी उम्मीद के साथ इसरो वैज्ञानिक अभी काम कर रहे हैं साथ ही वैज्ञानिक विक्रम लेंडर के फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर एडिटर से यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं .कि आखिर 2.1 किलोमीटर ऊंचाई पर क्यों यह अपने रास्ते से भटक गया इसरो के सूत्रों ने बताया कि चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर ऊंचाई पर विक्रम अपने रास्ते से भटक गया था. इसके बाद वह 60 मीटर प्रति सेकंड की गति से 335 मीटर तक आया. ठीक इसी जगह उसका पृथ्वी पर स्थित इसरो सेंटर से संपर्क टूट गया वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्हें आशंका है कि इसके बाद वह जिस गति से नीचे आ रहा है उसी गति से वह चांद की सतह से टकरा गया.
इसरो चीफ सिवन की उम्मीद की किरण जगाई है .उन्होंने कहा कि लेंडर विक्रम से दोबारा संपर्क की कोशिश की जा रही है उन्होंने साफ कहा कि या कोई झटका नहीं है 14 दिनों तक विक्रम से संपर्क करने की पूरी कोशिश करेंगे chandrayaan-2 का आर्बिटर करीब 7.5 साल तक काम कर सकता है गगनयान समेत इसरो के सारे मिशन तय समय पर पूरे होंगे.
इसरो चीफ को मोदी ने लगाया गले
पीएम नरेंद्र मोदी जब बेंगलुरु के स्पेस सेंटर से बाहर निकाल रहे थे तो इसरो अध्यक्ष के .सिवन को उन्होंने गले लगा लिया .और इस दौरान काफी भावुक हो गए. रोने लगे पीएम मोदी ने इसरो अध्यक्ष को काफी समय तक गले लगाए रखा और पीठ थपथपा कर उनका हौसला बढ़ाया.