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छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार का बना बेहतर वातावरण : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल
छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन: पांच वर्षों में 15 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य
प्रदेश में 21 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना
मुंगेली जिले के नागरिकों और महिलाओं ने भी उत्साह पूर्वक तन्मयता से सुना लोकवाणी
मुंगेली मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 26 वीं कड़ी का प्रसारण आज 13 फरवरी को किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल लोकवाणी में सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार विषय पर प्रदेशवासियों से बात की। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल की सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार विषय पर आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को मुंगेली जिले के नागरिकों और महिलाओं ने भी उत्साह पूर्वक सुना। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ में देश और दुनिया के निवेशक आकर देखें कि यहां उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियों से कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य में हमने शुरू से ही ऐसे कार्यों को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़ें ।उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने यह सपना देखा था कि जब हमारा अपना छत्तीसगढ़ राज्य बनेगा, तब यहां कोई बेरोजगारी नहीं होगी। इसी ध्येय को ले करके हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में सभी को आजीविका और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहल की जा रही है। वन क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, अर्द्धसरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, जहां भी रोजगार के अवसर दिख रहे हैं, वहां हमारी सरकार योजना बना कर कार्य कर रही है मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे फैसलों से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। निश्चित तौर पर सबके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी, जिसमें फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पर्यटन से भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर बनेंगे। हम जिस वातावरण में पले-बढ़े हैं, उसमें हमारे पुरखों और माता-पिता से हमें धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता के संस्कार मिले हैं। आस्था के कारण हमारे मन में किसी स्थान पर दर्शन हेतु जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगों को संतोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलों के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानों पर अधोसंरचना का विकास होता है। इसमें जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादों को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अंतर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल में हमने सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि यहां से गुजरकर दूसरे राज्यों को जाने वाले मजदूरों की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरों के खाने-पीने, ठहरने, गांवों में क्वारंटाइन होने, जांच और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाएंगे। इस तरह हमने छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पलायन पंजी के ऑनलाइन संधारण की व्यवस्था की गई है। हम संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्रमिकों के परंपरागत कौशल को नवीन ज्ञान से संवारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं कि हमारे प्रदेश के श्रमिकों को अन्य प्रदेशों में जाना ही नहीं पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए। भारत सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमें भी हमने 64 लाख श्रमिकों का पंजीयन करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओं की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शिक्षित और युवा किसान भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिसके नतीजे आने वाले समय में दिखाई देंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ के खेत अपने आप में उद्यम बन गए हैं। चाय, कॉफी, काजू, फल, फूल की खेती लगातार बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक रेशों से धागे बनाने का काम भी हो रहा है। इतना ही नहीं, फूड प्रोसेसिंग को भी नई ऊंचाई पर ले जाने का कौशल हमारे ग्रामीण भाई-बहनों ने दिखाया है। हमारे नेता और सांसद राहुल गांधी जी ने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान ऐसे नए किसानों और उद्यमियों से भेंट की तथा उनके उत्पादों की दिल खोलकर तारीफ भी की। इसी तरह छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के हाथों के हुनर ने भी खूब तारीफ बटोरी। राहुल गांधी जी ने खुले मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ के उत्पाद अब देश और दुनिया में भेजे जाने चाहिए। वन संसाधनों की बात करें तो पहले मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। अब हमने 61 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है। ये सारे उत्पाद इशारा करते हैं कि छत्तीसगढ़ के भावी औद्योगिक विकास के लिए ये सभी सबसे अच्छा कच्चा माल साबित होंगे। जहां तक मानव संसाधन की उद्यमिता का सवाल है तो हमने अब छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर दिया है, जिससे 5 वर्ष में 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य दिया गया है। हमने सरकारी विभागों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में लाखों लोगों को नौकरी देकर यह साबित किया है कि यदि सरकार की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहेगा। यही कारण है कि जब पूरा देश कोरोना और लॉकडाउन के कारण मंदी से परेशान था, तब हमारा छत्तीसगढ़ उद्योग, व्यापार और कारोबार में नई ऊंचाइयां छू रहा था। न्याय योजनाओं के माध्यम से हमने किसानों, पशुपालकों और खेतिहर मजदूरों को आर्थिक संबल दिया। ऐसी कल्याणकारी पहल से 91 हजार करोड़ रुपए की राशि जरूरतमंद लोगों की जेब में डाली गई जिसके कारण खेत-खलिहानों से लेकर उद्योगों तथा बाजारों तक में रौनक बनी रही। सिर्फ उद्योग लगाना ही उद्यमिता नहीं है बल्कि कला, संस्कृति, खेलकूद, शोध, अनुसंधान, शिक्षा- दीक्षा तथा कुछ नया करने का जुनून भी उद्यमिता है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मैं अपने युवा साथियों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी रुचि, अपने समाज, अपने प्रदेश के हित में अपनी आजीविका का जो भी रास्ता चुनें, उस पर डटे रहें। आप में वह क्षमता है कि किसी भी काम को चमका सकते हैं। हमने प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ऐसा ढांचा खड़ा कर दिया है कि जिस तरह हमारे गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं, उसी तरह गांव भी स्वावलंबी हो जाएंगे।