पी बेनेट 7389195897
राज्यसभा सदस्य के लिए सामाजिक संगठन हुए लामबंद
मुुंगेली-छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की 2 सीट जून माह में खाली हो रही है। इसके लिए प्रदेश में सामाजिक मूमेंट चलाने वाले संगठनों ने बैठकें कर एक स्वर में मांग कर रहे हैं कि सर्वप्रथम तीसगढ़ राज्य से खाली हो रही दोनों सीटें छत्तीसगढ़ के योग्य व्यक्तियों से भरा जाए अन्य प्रदेश से भरा जाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।छत्तीसगढ़ राज्य में एससी एसटी ओबीसी की संख्या बहुतायत है सरकार बनाने और बिगाड़ने में तीनों वर्ग की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राज्यसभा में और लोकसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग का प्रतिनिधित्व अभी वर्तमान में है लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व राज्यसभा जैसे उच्च सदन में नहीं है।
पिछड़ा वर्ग से अभी वर्तमान में छाया वर्मा जी राज्यसभा सांसद है लेकिन जून माह में उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा। उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद पिछड़ा वर्ग का राज्यसभा में प्रतिनिधि भी नहीं रहेगा। इसलिए सामाजिक संगठनों के प्रमुखों ने बैठक कर मांग किए हैं कि राज्यसभा की दो सीटों में से 1 सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग और दूसरी सीट अन्य पिछड़ा वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हो।प्रदेश में पहली बार सामाजिक संगठनों के लोग एकजुट होकर बैठक कर यह मांग कर रहे हैं कि राज्यसभा की दोनों सीट को सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले योग्य व्यक्तियों को दिया जाए। उसके लिए बराबर तीन बार हुए प्रदेश स्तरीय बैठक में सर्वसम्मति से नामों का पैनल बनाए गए जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग की कोटे से श्री सुरेश दिवाकर जी, प्रोफेसर प्यारेलाल आदिले जी एवं विजय कुर्रे जी का नाम प्रस्तावित किया गया है।वहीं दूसरी ओर अन्य पिछड़ा वर्ग से श्री बृजेश साहू जी, श्री क्रांति साहू जी, श्री श्याम मूरत कौशिक जी एवं कुमार राज कश्यप जी के नाम का पैनल सर्वसम्मति से बनाया गया है। उक्त सभी नामों में से किसी भी नाम को राज्यसभा सदस्य के लिए उम्मीदवार बनाया जाता है तो संगठन इसका स्वागत करेगा। और किसी भी व्यक्ति को उक्त नाम से कोई आपत्ति नहीं होगीप्रदेश स्तरीय बैठक में यह भी तय किया गया है की दिनांक 20 अप्रैल को प्रत्येक जिला मुख्यालय से पार्टी के आला नेताओं को ज्ञापन दिया जाएगा और दिनांक 24 अप्रैल रायपुर में हजारो की संख्या में समाज के पदाधिकारी उपस्थित हो गए सीधे मुख्यमंत्री से बात कर अपनी मांगों को प्रमुखता से रखेंगे।
उक्त मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में भी अलग से रणनीति बनाई गई