पी बेनेट 7389105897
मुंगेली-गृह आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे पालकों/ अभिभावकों उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बीआरसी मुंगेली में दिनांक 12 एवं 13 अगस्त को आयोजित किया गया ।
जिसमें जिला सहायक कार्यक्रम समन्वयक अशोक कश्यप एवं विकासखंड स्रोत समन्वयक डी.सी. डाहिरे एवं उपस्थित दिव्यांग बच्चों के पालकों द्वारा सरस्वती मां की पूजा अर्चना के बाद प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया lसमावेशी शिक्षा के पथरिया विकास खंड अंतर्गत कार्यरत बी. आर. पी.श्रीमती प्रिया यादव के द्वारा दिव्यांग बच्चे जो की गंभीर श्रेणी मे आते है, ऐसे दिव्यांग बच्चों का दैनिक क्रियाकलाप कैसा होना चाहिए? उसमें क्या-क्या कठिनाई आती है? बालकों को क्या समस्या आती है ? उसे कैसे दूर करना है बतायी गई , शासन की विभिन्न योजनाएं जो दिव्यांगों के लिए होता है का लाभांवित किस तरह लिया जाय एवं शारीरिक गतिविधियों मे आने वाली समस्या के बारे में विस्तृत रूप से बतायी गयी
इसके बाद मास्टर ट्रेनर संजीव सक्सेना बी. आर. पी. समावेशी शिक्षा विकास खंड मुंगेली के द्वारा सेरेब्रल पाल्सी, बहु विकलांगता एवं मानसिक दिव्यांगता के बारे में एवं दिव्यांगता के कारण उनके i बताया गया l छत्तीसगढ़ शासन की दिव्यांगों के लिए क्या-क्या योजना है? व एवं नि:शक्त अधिकार अधिनियम 2016 के बारे मे दिव्यांग बच्चों के लिए क्या- क्या अधिकार है पर विस्तृत चर्चा किया गया lऐसे बच्चे को स्कूल जाने में कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है ,इसलिए घर पर ही उन्हें दैनिक क्रियाकलाप में जो कठिनाई आती है- जैसे चलना , खड़े होना, बैठना, ब्रश करना नहाना ,नाश्ता या खाना-खाना इनके बारे में बताया गया कि पालक को बच्चों को सपोर्ट देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है और कैसे फिजियो- देना है lलगातार फिजियो-थेरेपी देने से बच्चों पर बहुत ही ज्यादा सुधार आता है और वह स्वयं से काम करने लगता है l मास्टर ट्रैनर श्री रवि प्रसाद लहरे प्रभारी बी. आर.पी. लोरमी ने 21 प्रकार की दिव्यांगता एवं उनके शिक्षण गतिविधियों पर विस्तार से बताया गया l विकासखंड मुंगेली लोरमी एवं पथरिया से आए हुए पाल को अभिभावकों एवं कर्मचारियों के लिए चाइना चाय नाश्ता भोजन की व्यवस्था किया गया प्रशिक्षण के समापन अवसर पर जिला सहायक कार्यक्रम समन्वयक अशोक कश्यप के द्वारा गंभीर श्रेणी ( गृह आधारित) दिव्यांग बच्चों के पालकों को बच्चों पर विशेष ध्यान देने हेतु प्रेरित किया गया , बच्चों को जो भी समस्याएं आती हैं समय- समय पर हमें जिले के सभी विकास खण्ड मे कार्यरत बी. आर. पी.(समावेशी शिक्षा) के माध्यम से अवगत कराते रहे ताकि समस्या का समाधान अपने व शासन स्तर पर करने का प्रयास किया जा सके शासन द्वारा दिव्यांगों को लाभांवित योजनाओं के बारे मे बताया गया , इसके बाद राष्ट्रगान के साथ प्रशिक्षण का समापन किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन रविप्रसाद लहरे द्वारा किया गया