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छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व हरेली से होगी ‘‘गोधन न्याय योजना’’ की शुरूवात

छग ब्यूरो चीफ पी बेनेट (7389105897)

छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व हरेली से होगी ‘‘गोधन न्याय योजना’’ की शुरूवात

कलेक्टर ने जारी की योजना के संचालन हेतु दिशा-निर्देश

मुंगेली 16 जुलाई 2020// छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व हरेली राज्य मे इस वर्ष 20 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन अर्थात् 20 जुलाई से ही राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की शुरूवात होगी। इस योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के लिए अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन के साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इस संबंध मे कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा ने जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी और सभी नगरीय निकाय के सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किया है। जारी दिशा-निर्देश मे उन्होने कहा है कि राज्य की महात्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाडी का संरक्षण एवं संर्वधन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण जिले मे गौठान स्थापित किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा गौठान की गतिविधियों में विस्तारण करते हुये गौठान मे गोबर क्रय करते हुए संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने हेतु गोधन न्याय योजना का प्रारंभ इस वर्ष 20 जुलाई को पड़ने वाले छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व हरेली से किया जाएगा।
कलेक्टर श्री एल्मा ने गोधन न्याय योजना के संबंध मे जारी दिशा-निर्देश मे पशुपालकों की आय में वृद्धि, पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी , खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा और द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार, स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता, स्थानीय स्व सहायता समूहो को रोजगार के अवसर, भूमि की उर्वरता में सुधार और विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं सुपोषण के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया है। उन्होने जारी निर्देश मे आगामी वर्षो मे नवीन गौठानों की स्थापना के साथ-साथ आवश्यकतानुसार योजना का विस्तार करने के भी बात कही है। जारी दिशा-निर्देश मे उन्होने कहा है कि गोठान समितियो द्वारा उसी पंचायत के गोबर क्रय की जाएगी। इस हेतु गोठान समितियो को समय-सारणी निर्धारित करने की बात कही। गोठान मे गोवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुपालको से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा। वर्तमान मे शासन द्वारा 2 रूपये प्रति किलो (परिवहन व्यय सहित) दर निर्धारित किया गया है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छित रूप से कर सकेंगे। गोबर की गुणवत्ता हाथ मे उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर मे कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यदि नही होनी चाहिए। गौठान मे रहने वाले पशुओ द्वारा उत्सर्जित गोबर गौठान के स्वत्व मे होगा। उसके लिए पशुपालक को पृथक से राशि देय नही होगी। क्रय उपरांत गोबर को संग्रहित कर गौठान मे सामान्यतः अंदरूनी क्षेत्र मे निर्मित सीपीटी मे रखा जाएगा। तथा 15 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने मे उपयोग किया जाएगा। क्रय किये गये गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 15 दिवस मे गोठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के किसी भी प्रक्रिया अथवा चरण मे 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति अथवा सदस्य को शामिल नही किया जाएगा। गौठान मे उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता परीक्षण एवं पैकेजिंग इत्यादि कार्य निर्धारित मापदंडों के अनुरूप कृषि विभाग के देख रेख मे स्व सहायता समूह द्वारा कराया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा। वर्तमान मे 8 रूपये प्रति किलो की दर निर्धारित किया गया है।
इसी तरह कलेक्टर श्री एल्मा ने शहरी क्षेत्रो मे भी गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश जारी किया है। जारी निर्देश मे उन्होने कहा है कि एकीकृत व्यवस्था के साथ सड़क मे घूमने वाले पशुओ के नियंत्रण, खेत एवं बाडियों हेतु उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद के उपलब्धता, शहरी स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ करते हुए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशु पालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान किया जाएगा। इस योजना मे कार्यरत् शहरी गरीब परिवारो के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु शहरी क्षेत्रो मे गोबर का क्रय एवं गोबर से निर्मित गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद विक्रय तथा गौठान समिति को आत्मनिर्भर भी बनाया जाएगा। उन्होने दिशा निर्देश मे कहा है कि नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक पशुपालक का निकाय स्तरीय पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत पशुपालको को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत निर्धारित प्रारूप मे कार्ड का वितरण किया जाएगा। पंजीकृत पशुपालको द्वारा ही गोबर का विक्रय गोधन न्याय खरीदी केंद्र मे किया जाएगा। समूह द्वारा पशुपालक को गोबर की क्रय उपरांत शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार मय परिवहन शुल्क भुगतान किया जाएगा।

 

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