मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किए 22 दिनों 14 अहम फैसले,, राजिम कुंभ के नाम बदल कर माघ पुन्नी मेला के नाम से ,, विपक्ष ने किया विरोध
January 11, 2019467 Views
छ. ग ब्युरो चीफ पी बेनेट
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि कम समय में सरकार ने अहम फैसले छह हजार एक सौ करोड़ का अल्पकालीन ऋण माफी और धान का समर्थन मूल्य ₹25 00 देने वाला देश का पहला राज्य बना टाटा संयंत्र द्वारा ली गई जमीन की वापसी रवि के लिए पानी देने का निर्णय लिया छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर रोक हटने से 1244 रजिस्ट्री हो गई चिटफंड मामले में दर्जा 300 केस वापस लेकर शराबबंदी पर पूर्व सरकार की रिपोर्ट निरस्त कर नई कमेटी बनाई तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा ₹25 से 4000 किया सहायक प्राध्यापकों की तरह 84 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर वन अधिकार पट्टा के निरस्त चार लाख आवेदन की फिर जांच के निर्देश दिए मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफ में आप कलेक्टर सर्वे सर्वा नहीं रहेगा इसकी समीक्षा कर रहे हैं कहां गड़बड़ियां हुई इसकी भी जांच होगी वहीं इसमें अब जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा भूपेश बघेल सरकार ने राजिम कुंभ कल्प का नाम बदल दिया है राजीव कुमार मार्ग पुण्य मेला के नाम से जाना जाएगा छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को नाम बदलने एक संशोधन विषयक पेश किया गया जिस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राजिम कुंभ मेला संशोधन विधेयक 2019 संशोधन विधेयक पेश किया था जिसे लेकर विधानसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया करीब ढाई घंटे की चर्चा के बाद विपक्ष के नाम नहीं बदलने की मांग को लेकर मत विभाजन करा कर इस पर निर्णय लेने की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने मान लिया राजीव कुम का नाम बदलने के पक्ष में 62 सदस्यों ने मत दिया जबकि नाम नहीं बदलने को लेकर सिर्फ 8 मत ही पड़े सदन में दो अन्य दल के सदस्यों ने मत विभाजन में भाग नहीं लिया उसके बाद विधेयक को पास कर दिया गया विधेयक पास होने के बाद विपक्ष के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि आज के दिन को संसद इतिहास में काला दिन के रूप में याद रखा जाएगा उनके इस विरोध के बाद सभी विपक्षी सदस्य सदन भी बहिगर्मन वर्क आउट कर दिया विधेयक पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ सदस्य अजय चंद्राकर ने विधेयक प्रवर समिति को भेजें जाने की मांग की इसके बाद वरिष्ठ सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने भी संसदीय प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों का हवाला देते हुए कहा कि नियमों के तहत संशोधन नहीं लाया जा रहा युवक वित्तीय ज्ञापन भी नहीं दिया गया विधेयक इतनी जल्दी में प्रस्तुत करने की वजह क्या है इस पर संधि ने कहा कि नियमों को शिथिल कर विधेयक प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है इस इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि आसंदी की अनुमति के बाद संशोधन विधेयक पेश किया गया है यह संशोधन सिर्फ नाम के लिए है इसके लिए वित्तीय ज्ञापन की जरूरत नहीं है आसंदी की व्यवस्था आने के बाद धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संशोधन विधेयक पेश किया और विधेयक में संशोधन की आवश्यकता बताई विपक्ष ने दिखाया तेवर पूछा इतनी हड़बड़ी क्यों विधेयक पर सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने मां संधि से कहा कि कानून संशोधन का मामला है आप राबरी ना करें इतिहास कभी माफ नहीं करेगा कि संशोधन पेश करने के लिए हर बड़ी भर्ती गई सदस्य अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कौन सा संकट खड़ा हो गया कि यह संशोधन विधेयक लाना पड़ा