ओडीएफ़ घोषित होने के बाद भी शौचालय की राशि लेने भटक तहे हैं हितग्राही

Vikas tiwari

ओडीएफ-घोषित होने के बाद भी,,शौचालय की राशि पाने भटक रहे हितग्राही।*

*तेंदुवा ग्राम-पंचायत के हितग्राहियों ने जनपद पहुंच बताई अपनी पीड़ा,,सरपंच-सचिव-करारोपण अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप।*

*सरपंच-सचिव करारोपण अधिकारी पर शासन का लाखो बकाया,,ना ही रिकवरी ना ही-करवाई-??*

*दिनांक:-21-02-2019*

*करगीरोड-कोटा:-SBM के तहत पूरे देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अभियान चलाया हुआ है, लोगो के जागरूकता के लिए करोड़ो रुपए विज्ञापन पर खर्च किए जा रहे है, पर कुछ विकासखंड के जनपद पंचायतों के ग्राम-पंचायत के जनप्रतिनिधि और शासन की जन-प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने वाले सचिव व करारोपण अधिकारी द्वारा इस पूरी योजना का भट्टा बैठा कर रखे हुए हैं, अपने उच्चाधिकारियों को को अंधेरे में रखते हुए शौचालय के लिए दी हुई राशि का गलत उपयोग कर बंदर बांट कर रहे हैं,और शासन को चूना लगाते हुए भ्रष्टाचार में अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं।*

*उसी कड़ी में जनपद पंचायत कोटा के अंतर्गत ग्राम-पंचायत तेंदुवा के हितग्राहियों के घरों में बने स्वच्छ-भारत-मिशन के तहत शौचालय निर्माण की बकाया राशि 2 साल बाद भी हितग्राहियों को प्राप्त नहीं हुई पिछली सरकार में बनी शौचालय की राशि के लिए तेंदुवा के हितग्राहियों द्वारा जनपद पंचायत कोटा पहुंचकर अपनी व्यथा बताई, हितग्राहियों द्वारा बताया गया कि पिछले 2 साल से सरपंच और सचिव द्वारा बकाया राशि के लिए घुमाया जा रहा है, कुछ हितग्राहियों को ₹8000 है, तो कुछ को ₹12000 पाने की बात बताई गई, पीड़ित हितग्राहियों ने बताया की तेंदुवा-पंचायत में लगभग 365 हितग्राहियों के घरों में शौचालय बनाए गए हैं, कुछ हितग्राहियों को पंचायत द्वारा ईंट-सीमेंट दिए गए थे, जबकि कुछ हितग्राहियों ने स्वयं के खर्च से शौचालय निर्माण करवाया था, जनपद पहुचे हितग्राहियों ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाये गए शौचालय पर सरपंच कदम बाई, सचिव गणेश राम साहू सहित करारोपण अधिकारी रमाकांत खरे पर बकाया राशि देने में आनाकानी की जा रही है, साथ में सरपंच पति चंदूलाल ध्रुव द्वारा पंचायत के कार्यो में हस्तक्षेप की बात भी हितग्राहियों द्वारा बताई गई शौचालय निर्माण की राशि में बड़े पैमाने पर राशि गबन का गंभीर आरोप भी पीड़ितों ने लगाया।*

*पीड़ित हितग्राहियों द्वारा जनपद पंचायत कोटा सीईओ की अनुपस्थिति में जनपद पंचायत कोटा में बैठक ले रहे, जिला पंचायत सीईओ रितेश कुमार अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द बकाया राशि दिलवाने की मांग की है ,साथ ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोटा को भी ज्ञापन सौंपा गया, कोटा विकासखंड जो कि ओडीएफ घोषित हुए काफी समय हो गया है, उसके बावजूद भी लगभग आधे से ज्यादा पंचायतों की शौचालय निर्माण की राशि हितग्राहियों को अभी तक नहीं मिल पाई है, इस बारे में सचिव-सरपंच और करारोपण अधिकारी की भूमिका संदिग्ध दिखाई पड़ती है, जनपद-पंचायत के अधिकांश सचिव-सरपंच और करारोपण अधिकारियों के ऊपर लाखों रुपए की रिकवरी बाकी है उसके बावजूद भी अभी तक उनसे रिकवरी करने में शासन और प्रशासन दोनों नाकाम रहे हैं ना ही उनके खिलाफ एफ.आइ. आर. दर्ज कराई गई ना ही इन लोगो से रिकवरी की जा रही है केवल व केवल नोटिस तामिल का खेल खेला जा रहा है, कोटा जनपद-पंचायत के आधे से ज्यादा सचिव और करारोपण अधिकारियों जो कि काफी समय से कोटा जनपद पंचायत में पदस्थ हैं, पिछले 15 सालों से एक ही जगह पदस्थ रहना इनका तबादला नहीं होना भी काफी संदेहास्पद है, उच्चाधिकारियों द्वारा इन लोगों पर कार्रवाई नहीं कि जाने से इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, शासन से जारी की गई राशि का इन लोगों द्वारा वृहद पैमाने पर गोलमाल किया जा रहा है, बड़े पैमाने पर कुछ करारोपण अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी समय-समय पे समय लगते रहते हैं, पर इन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं होना आशंकाओं को जन्म देता है, कि कहीं इन सभी में अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं तत्कालीन जनपद पंचायत कोटा सीईओ हिमांशु गुप्ता के कार्यकाल में कुंवारीमुड़ा ग्राम-पंचायत में शौचालय निर्माण में काफी गड़बड़ी पाई गई थी,जो कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत की गई थी, जिसके बाद पीएमओ से जांच टीम आई थी, जहां पर हितग्राहियों के शौचालय की सीट बस बैठाई गई थी, दीवारों की जगह पुरानी साड़ियों और बेशर्म की लकड़ियों को लगाकर ओडीएफ घोषित कर दिया गया था।*


*इस बारे में वर्तमान जनपद पंचायत् कोटा सीईओ राजेन्द्र पांडे द्वारा जानकारी नहीं होने की बात बताई गई, जानकारी लेकर इस पर प्रतिक्रिया देने की बात कही गई, वहीं जनपद पंचायत कोटा के अधिकारी डीएस मैत्री द्वारा बताया गया, कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत तेंदुवा ग्राम पंचायत के हितग्राहियों की राशि पंचायत में जमा करा दी गई है सरपंच सचिव और करारोपण अधिकारी से इस बारे में चर्चा कर जल्द से जल्द हितग्राहियों को भुगतान करने की बात कही गई।*

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