छ ग ब्यूरो चीफ पी बेनेट
मुंगेली में खांकी भी झूमे मस्ती में ,,फुरसत के वादियों में डीजे के धुन में रंगों से सराबोर ,, रक्षक थिरके होली के फुलवारी मे,,
मुंगेली के सिटी कोतवाली पुलिस थानां परिसर पर सिपाहियों के होली से रंगे जवान,होली के पर्व में जिसके सर पर रहता है शहर की सुरक्षा ,,पूरे शहर जहा नेता, ब्यापारी, आम जनता जहा खुशियों में डूबे रहते है वहां पुलिस शांति बनाए रखने में रहते है ब्यस्त,,
आज मानो फुरसत की सांस लेते ,,होली के रंग से सराबोर पुलिस, पत्रकार,आम जन भी पुलिसिया होली में डीजे के धुन में नागिन डांस, भांगड़ा,रंग बरसे जैसे अनेक गानों में थाना प्रभारी एल पी पटेल,थानां प्रभारी, आशीष अरोरा,थानां पल प्रभारी के एंन आदित्य के साथ सभी जवान मानो होली के रंग में रंगे खुशियों के वादियों में झूमते नजर आए वही सभी जवान अपनी खुशियों का इजहार डीजे के धुन में करते रहे
मान्यता है कि होली पर्व के पीछे हिरन्यकश्यप और उसके बेटे प्रह्लाद की कहानी है| जब हिरन्यकश्यप को पता चला की उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त है तभी क्रोध में उसने अपनी बेहन होलिका के साथ मिलकर प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई पर कहते है अच्छाई पर बुराई की जीत अवश्य होती है| और इसी की ख़ुशी में लोगों ने एक-दुसरे को रंग लगाना शुरू कर दिया| उसी दिन से हर वर्ष होली का त्योहार रंगों और गुलालों के नाम से जाना जाता है| इस दिन लोग सारे गिले-शिकवे को भूल नए जीवन की शुरुआत करते है|
‘होली’ रंगों के इस पवन पर्व के आते ही मानो चेहरे पर एक अद्बुध सी मुस्कान दिखती है| होली को ना जाने लोगो ने अपनी दुश्मनी भुलाकर दोस्ती में बदल जाती है ऐसे होली के पर्व में मुंगेली शहर रंगों से सराबोर शांति के साथ खुशिया मनाई।