आगामी मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक

छःग ब्यूरो चीफ पी बेनेट 7389105897

आगामी मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में कलेक्टर ने ली अधिकारियों की बैठक 

मुंगेली/  कलेक्टर  पी.एस एल्मा ने विगत दिनों जिला पंचायत के सभा कक्ष में आगामी मानसून 2021 के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली।  बैठक में उन्होने कहा कि आगामी मानसून के दौरान किसी भी प्रकार की जनधन की हानि न हो इस संबंध में आवश्यक सतर्कता बरतने हेतु पूर्व से तैयारी किए जाने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने कहा कि वर्षा ऋतु में अतिवृष्टि होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित होने की आशंका और प्राकृतिक तथा नैसर्गिक घटनाओं में तत्कालिक राहत प्रदान करने एवं सूचनाआंे के आदान-प्रदान की अति आवश्यकता  होती है। इस हेतु उन्होने जिला कलेक्टोरेट मुंगेली के कक्ष क्रमांक 121 में जिलास्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना करने के भी निर्देश दिये। इसी तरह पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिला पुलिस नियंत्रण कक्ष, जिला चिकित्सालय में जिला चिकित्सालय नियंत्रण कक्ष और कार्यालय जिला सेनानी में जिला सेनानी नगर सेना नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के भी निर्देश दिये गये। 

बैठक में उन्होने  कहा कि आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए सभी वर्षामापी यंत्रों को दुरूस्त किया जाएं और उनके संधारण की जानकारी जिला कलेक्टोरेट कार्यालय को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये। साथ ही उन्होने तहसील स्तरों पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर बाढ़ नियंत्रण कक्ष में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री एल्मा ने कहा कि नदी के तट पर बसे हुए गांव, बाढ़ आने पर ज्यादा प्रभावित होते है। ऐसे ग्रामों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिये। इसी तरह उन्होने मानसून के पूर्व सड़को एवं पुल-पुलियों की मरम्मत करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि बाढ़ के स्थिति में पुल-पुलियों, सड़को के उपर पानी बहने लगती है। जिसके कारण जनधन हानि की संभवना होती है। इस हेतु उन्होेने आवश्यक व्यवस्था के साथ सांकेतिक चिन्ह लगाने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने कहा कि मानसून के दौरान बांध में क्षमता से अधिक पानी भर जाती है। जिसके फलस्वरूप बांध से पानी छोड़ना पड़ता है। उन्होने बांध से पानी छोड़ने  की सूचना 12 घंटे पूर्व जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और तहसीलदार को देने की बात कहीं। इसी तरह अतिवृष्टि एवं बाढ़ से पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है। इस स्थिति से निपटने के लिए पशु पालन विभाग के उपसंचालक को जिला तथा विकास खण्ड स्तर पर चिकित्सा दल गठित करने के भी निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री एल्मा ने कहा कि संभावित अतिवृष्टि एवं बाढ़ के कारण बीज का अंकुरण प्रभावित होता है। जिसका प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है और पुनः बोने की स्थिति निर्मित उत्पन्न होती है। इस हेतु उन्होने संबंधित अधिकारियों को बीज की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होने मानसून के पूर्व नगरीय क्षेत्रों में स्थित सभी नालो एवं नालियों की सफाई कराने के लिए संबंधितों को निर्देश दिये । बैठक में उन्होने कहा कि मानसून के दौरान जल जनित बीमारियां होने की संभावना होती है। इस हेतु उन्होने जीवन रक्षक दवाईयां भण्डारित करने के  लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये। इसी क्रम में उन्होने एंटी रेबीज इंजेक्शन की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये। बैठक में उन्होने असुरक्षित विद्युत तारों को सुरक्षित करने, कुओं और हैंड पंपों आदि जलस्त्रोंतो में ब्लीचिंग पाउडर डालने एवं क्लोरिनेशन करने के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। बैठक में उन्होने मोटर बोट, नाव, तैराकों की व्यवस्था, वायर लेंस, फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस आदि की संबंध में भी जानकारी प्राप्त की और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्य पालन अधिकारी श्री रोहित व्यास, संयुक्त कलेक्टर श्री तीर्थराज अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।  

 

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