छ ग ब्यूरो चीफ पी बेनेट
पथरिया- केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा लोगों को उनके अधिकारों से विमुक्त रखने का नया पैंतरा आरटीआई कानून में बदलाव करने की मंशा है। आम जनता को जो अधिकार कांग्रेस सरकार ने दिया। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव जागेश्वरी घनश्याम वर्मा ने केंद्र सरकार के इस फैसले को आम जनता के अधिकारों का हनन बताया।
उन्होंने बताया कि आरटीआई के माध्यम से किसी भी कार्य की समुचित जानकारी जो आम जनता तक पहुंचने का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाता रहा है। उससे आज आम जनता से छिनने केंद्र की भाजपा सरकार आतुर है। कहीं ना कहीं यह कयास लगाया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अपने शीर्ष नेतृत्व के ऊपर लगे आरोपों को ढकने आरटीआई कानून में बदलाव करने जा रही है। आरटीआई आम जनता का अधिकार है अगर इससे कमजोर कर दिया जाता है तो भ्रष्टाचार का खेल जो खेला जा रहा है इस पर पूरी तरह खुली छूट मिल जाएगा जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा
*सूचना प्राप्त करने में होगी परेशानी* केंद्र सरकार द्वारा की जा रही संशोधन से आम जनता को सरकारी कार्यालय से जानकारी प्राप्त लेने में असुविधा होगी इससे पहले कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी कार्यालय में वहां हुए कार्यों एवं खर्चो की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता था अब उन्हें जानकारी चाहने का कारण भी बताना होगा और इसी तरह अन्य बदलाव भी किए गए हैं जो आम लोगों को उसके सूचना के अधिकारों को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है
केंद्र की बीजेपी सरकार के इस फैसले के विरोध आज समूचे भारत में विरोध के स्वर उठने लगे हैं पूर्व सूचना आयुक्त ने भी आपत्ति जताई है। केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी बहुमत के नशे में मदमस्त हो चुकी है। उनको देश की जनता के प्रति आभारी होना चाहिए नाकी उनके अधिकारियों से उनको वंचित करने का फरमान जारी करना चाहिए। आरटीआई कानून को कमजोर करने का अर्थ साफ है कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने किए हुए कार्यों के प्रति आश्वस्त नहीं हैं। भयभीत होने के साथ-साथ आम जनता के बीच अपने कार्यों के प्रति पारदर्शिता नहीं चाहते।